भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के 55वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि ‘डीपफेक’, फेक न्यूज और गलत सूचनाएं पूरी दुनिया के लिए बड़ी चुनौती है। आज कोई भी जानबूझकर गलत सूचना फैलाने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर सकता है।
फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के प्रसार के खिलाफ लड़ाई लड़ें पत्रकार
उन्होंने कहा कि आईआईएमसी जैसे संस्थानों से पढ़ाई करने वाले पत्रकारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह फेक न्यूज और गलत सूचनाओं के प्रसार के खिलाफ लड़ाई लड़ें। इस अवसर पर आईआईएमसी के चेयरमैन आर जगन्नाथन, महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर और अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी भी उपस्थित रहे।
प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-22 और 2022-23 बैच के विद्यार्थियों (आईआईएमसी दिल्ली और क्षेत्रीय केंद्रों ढेंकनाल, आइजोल, अमरावती, कोट्टायम और जम्मू) को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किये गये। इसके अलावा, दोनों बैचों के 65 विद्यार्थियों को भी अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
भारतीय पत्रकारिता में यहां के विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान
समारोह के मुख्य अतिथि के तौर विचार व्यक्त करते हुए राम नाथ कोविन्द ने कहा कि जनसंचार के शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में आईआईएमसी की पहचान 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' के तौर पर है। भारतीय पत्रकारिता में यहां के विद्यार्थियों का महत्वपूर्ण योगदान है। देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की जरुरतों के हिसाब से आईआईएमसी अपने विद्यार्थियों को तैयार करता है। इसके लिए संस्थान के सभी प्राध्यापक, अधिकारी एवं कर्मचारी बधाई के पात्र हैं।
पत्रकार के रूप में सुनिश्चित करना होगा कि नागरिकों को मिले सही जानकारी
राम नाथ कोविन्द ने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार और मीडिया प्रोफेशनल के रूप में उस दौर में कर रहे हैं, जब तकनीक तेजी से विकसित हो रही है। इसलिए हम सभी को नई तकनीकों के संभावित दुरुपयोग से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। आज पूरा देश और समाज फर्जी खबरों, गलत सूचनाओं, भ्रामक जानकारी और डीपफेक जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। एक पत्रकार के रूप में, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि नागरिकों को सही जानकारी और समाचार मिलें।
सनसनीखेज खबरों की और बढ़ता मीडिया का रुझान एक बड़ी चुनौती
युवाओं को भविष्य के लिए सीख देते हुए कोविन्द ने कहा कि आज ऊंची टीआरपी प्राप्त करने के लिए सनसनीखेज खबरों की और बढ़ता मीडिया का रुझान एक बड़ी चुनौती बन गया है। यह प्रवृत्ति धीरे-धीरे पत्रकारिता के मूल्यों के लिए घातक साबित हो रही है। इसलिए आप सभी इस तरह के शॉर्टकट्स से दूर रहें और पत्रकारिता के मूल्यों को बचाए रखें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक हमारे सपनों का विकसित राष्ट्र बनाने की शक्ति आप लोगों के हाथ में है। आप सभी इस शक्ति का सदुपयोग भारत को विकसित भारत बनाने में करें।
इस अवसर पर संस्थान की महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा कि संस्थान अपने प्रत्येक विद्यार्थी को हर वह अवसर सुलभ कराने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उसके सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है। दीक्षांत समारोह में संस्थान के क्षेत्रीय केंद्रों के निदेशकों सहित समस्त प्राध्यापकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित 700 से भी अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।