गुरुवार के दिन आज गुरु के दर्शन होंगे। सौरमंडल का सबसे विशाल ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) आज रात पृथ्वी के सबसे करीब होगा। यह अन्य सभी ग्रहों की तुलना में दोगुने से भी अधिक विशाल दिखाई देने वाला ग्रह है। आसमान में इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए खगोल वैज्ञानिकों में खास दिलचस्पी है। दरअसल, इस दौरान बृहस्पति ज्यादा चमकदार और अधिक विशाल दिखाई देने वाला है।
इस खगोलीय घटना को दिया 'जुपिटर एट पेरिजी' का नाम
नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और बृहस्पति गुरुवार को इस स्थिति में पहुंच रहे हैं कि पृथ्वी से बृहस्पति की दूरी सबसे कम होगी। इस खगोलीय घटना को जुपिटर एट पेरिजी कहते हैं। इस समय यह पृथ्वी से 59 करोड़ 57 लाख 59 हजार किमी दूर रहेगा। इसके बाद यह दूरी बढ़ना आरंभ हो जाएगी।
पृथ्वी से एक ओर सूर्य तो दूसरी ओर होगा जुपिटर
उन्होंने बताया कि अगले दिन यानी 3 नवम्बर को भारतीय समयानुसार प्रात: 10 बजकर 25 मिनट पर जुपिटर इस स्थिति में रहेगा कि पृथ्वी से एक ओर सूर्य तथा दूसरी ओर जुपिटर होगा अर्थात यह दोनों 180 डिग्री पर होंगे। इस खगोलीय घटना को जुपिटर एट अपोजीशन कहते हैं।
आकाश में जुपिटर को देखने का साल का सबसे अच्छा समय
सारिका ने बताया कि जुपिटर मेष तारामंडल में रहेगा और शाम को पूर्व दिशा में उदित होकर रात भर आकाश में रहकर सूर्योदय से कुछ पहले पश्चिम दिशा में अस्त होगा। उन्होंने बताया कि यह आकाश में जुपिटर को देखने का साल का सबसे अच्छा समय है, क्योंकि पास रहने से यह अपेक्षाकृत बड़ा और माइनस 2.9 मैग्निट्यूड से चमकदार दिखेगा। शाम के समय पूर्व में चमकते हुए इसे देखा जा सकता है। सारिका ने बताया कि जुपिटर एट अपोजीशन की अगली घटना 8 दिसंबर 2024 को होगी।