आसियान-जापान मित्रता और सहयोग के 50 वीं वर्षगांठ पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 16 से 18 दिसम्बर के बीच जापान के टोक्यो शहर में आयोजित किया जाएगा। जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो ने आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न को सम्मेलन में आमंत्रित किया है। शिखर सम्मेलन में आसियान-जापान संबंधों में पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों जिक्र किया जाएगा। यह सम्मेलन आसियान-जापान व्यापक रणनीतिक साझेदारी की दिशा तय करेगा। दक्षिण पूर्व एशिया और जापान के नेता सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के साथ ऊर्जा सहयोग पर पर भी बातचीत होगी। बीजिंग लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जो एक महत्वपूर्ण व्यापार गलियारा है, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों द्वारा दावा किए जाने वाले क्षेत्रों में चीन के बढ़ते प्रभाव ने क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया है। सम्मेलन में इसे भी एक महत्वपूर्ण मुद्दे के रूप में शामिल किया जाएगा।
जापान ने फिलीपींस की मदद करने के लिए पिछले महीने नए तट रक्षक जहाजों को सुरक्षित करने,रडार प्रणाली की आपूर्ति करने और एक-दूसरे की धरती पर सैनिकों को तैनात करने के लिए समझौता हुआ है।
इस शिखर सम्मेलन में जापान और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) समुद्री सुरक्षा सहयोग सहित “नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र जो स्वतंत्र और खुला हो, और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान व क्षेत्रीय अखंडता पर जोर दिया जायेगा। सितंबर में आसियान देशों की सेनाओं ने अपना पहला संयुक्त अभ्यास आयोजित किया। हालांकि मेजबान इंडोनेशिया ने जोर देकर कहा कि वे गैर-लड़ाकू अभ्यास थे, जो आपदा राहत और समुद्री गश्त जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित थे।
एशियाई नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन समुदाय
जापान द्वारा ऊर्जा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए शिखर सम्मेलन में चर्चा की उम्मीद है, एशियाई नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन समुदाय (एजेईसी) मंच की बैठक सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से होने वाली है। आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। म्यांमार भी एक सदस्य है,लेकिन 2021 के तख्तापलट के बाद शांति योजना को लागू करने में विफल रहने पर जुंटा के नेताओं को उच्च-स्तरीय बैठकों से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आसियान के बारे में
दक्षिणपूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) एक क्षेत्रीय समूह है, जिसका उद्देश्य अपने दस सदस्यों: ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। आसियान देशों की कुल आबादी 662 मिलियन है और संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 3.2 ट्रिलियन डॉलर है। समूह ने एशियाई आर्थिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाई है,आसियान दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत में शामिल हुआ है और क्षेत्र की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ छह मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।