प्रतिक्रिया | Thursday, October 03, 2024

13/11/23 | 2:36 pm

आ रही है ‘नई चेतना- 2.0’, जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान

देश के कई इलाकों में आज भी कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जो अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जेंडर ने जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ अपने राष्ट्रीय अभियान 'नई चेतना – 2.0' के दूसरे वर्ष के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की। 

 

क्या है नई चेतना
दरअसल, NFHS-5 के आंकड़ों के मुताबिक 77 प्रतिशत से अधिक महिलाएं अभी भी हिंसा के अपने अनुभव के बारे में रिपोर्ट नहीं करती हैं या उसके बारे में बात नहीं करती हैं। ऐसे में  'नई चेतना – 2.0' के तहत देशभर में स्वयं-सहायता समूह की महिला सदस्यों की हिंसा के अनुभवों से इस पहल को प्रेरणा मिली है। नई चेतना अभियान का उद्देश्य महिलाओं और विभिन्‍न जेंडरों के व्यक्तियों के अधिकारों को आगे बढ़ाना तथा उनके जीवन को भय और जेंडर-आधारित भेदभाव से मुक्‍त करना है। इन अभियान गतिविधियों से स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के बीच जेंडर- आधारित हिंसा (GBV) के बारे में जागरूकता बढ़ेगी और GBV रिपोर्टिंग को बढ़ावा मिलेगा। यह अभियान उन सामाजिक मानदंडों पर भी ध्‍यान देगा (समाधान ढूंढने की कोशिश करना), जो हिंसा के ऐसे रूपों को मंजूरी देते हैं और उन्‍हें बढ़ाने में मदद करते हैं।

34 भारतीय राज्यों और केंद्र-शासित में शुरू होगा अभियान

यह अभियान 25 नवंबर से शुरू किया जाना है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस है। इस अभियान का 34 भारतीय राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर तक आयोजन किया जाएगा। वार्षिक अभियान का नेतृत्व जन आंदोलन की भावना के साथ, 9.8 करोड़ से अधिक ग्रामीण महिला सदस्यों के डीएवाई-एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूहों के नेटवर्क द्वारा किया जाएगा।

अभियान के साथ नौ मंत्रालय आए साथ
खास बात ये है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय का जेंडर आधारित हिंसा के विरुद्ध राष्ट्रीय अभियान – 'नई चेतना- 2.0' का समर्थन करने के लिए नौ मंत्रालय एकजुट हुए। विभिन्न मंत्रालयों ने विचार-विमर्श के माध्यम से अपने हित साझा किए और प्रदान की जाने वाली सहायता के विशिष्ट क्षेत्रों को रेखांकित किया। एक प्रमुख गतिविधि जेंडर आधारित हिंसा से बचे हुए लोगों (survivors) की सहायता में उनकी भूमिका पर सेवा प्रदाताओं को संवेदनशील बनाने से जुड़ी होगी। इससे सर्वाइवर (survivors) के लिए अपनी बात रखने, सहायता और न्याय पाने के लिए अत्यधिक अनुकूल माहौल बनाने में काफी सहायता मिलेगी। प्रतिभागी मंत्रालयों में पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, गृह, कानून और न्याय, सूचना एवं प्रसारण, युवा और खेल, शिक्षा और साक्षरता, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी शामिल थे।

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आखरी अपडेट: 4th Oct 2024