मिजोरम में विधानसभा चुनाव में मिजोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ने एक बड़ी जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। मिजोरम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा आज बुधवार को सुबह करीब 10:30 बजे राज्यपाल हरि बाबाउ कंभमपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। बता दें कि नए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण 8 दिसंबर को होगा।
जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी को पूर्ण बहुमत
मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने 27 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया,वहीं सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट के खाते में 10 सीटें हासिल कीं हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा आइजोल-ईस्ट 1 जोरम पीपुल्स के ललथनसंगा ने हरा दिया। वहीं बीजेपी की बात करें तो पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की,पिछली बार पार्टी को एक सीट मिली थी। जबकि कांग्रेस के खाते में एक सीट आई।
अपनी पार्टी की हार के एक दिन बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने मंगलवार को एमएनएफ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है,1990 से वह मुख्यमंत्री पद संभाल रहे थे।
बता दें ZPM ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा है। 2018 में जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं।
छह दलों के गठबंधन से बनी जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी
जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी शुरुआत में छह क्षेत्रीय दलों का गठबंधन था। जिसमें मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, जोरम नेशनलिस्ट पार्टी, जोरम एक्सोडस मूवमेंट,जोरम डिसेंट्रलाइजेशन फ्रंट,जोरम रिफॉर्मेशन फ्रंट और मिजोरम पीपुल्स पार्टी शामिल थीं। चुनाव आयोग (ECI) ने आधिकारिक तौर पर जुलाई 2019 में इस पार्टी को रजिस्टर्ड किया। सबसे बड़ी संस्थापक पार्टी मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, 2019 में गठबंधन से बाहर हो गई थी और बाकी बची पांच पार्टियां एक में शामिल हो गईं, जिसे जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी नाम दिया गया।
जोरम पीपुल्स मूवमेंट पार्टी के मुखिया लालदुहोमा
चौहत्तर वर्षीय आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने लालदुहोमा ने हाल ही में संपन्न मिजोरम विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट को भारी जीत दिलाई।
मिजो नेशनल फ्रंट और कांग्रेस के अलावा मिजोरम में तीसरी बड़ी पार्टी जोरम पीपुल्स मूवमेंट है। इसके नेता लालदुहोमा एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा की कमान संभाल चुके हैं।
रोचक है लालदुहोमा का राजनीतिक सफर
दरअसल, लालदुहोमा ने 1984 में मिजोरम से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। बाद में उनका राज्य कांग्रेस के नेताओं से मतभेद हो गया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। वे 1988 में दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले लोकसभा सांसद बने। 2018 में लालदुहोमा ने आइजोल पश्चिम और सेरछिप से निर्दलीय विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की।
लालदुहोमा ने तय कीं सरकार की प्राथमिकताएं
लालदुहोमा ने बताया कि उनकी सरकार के तीन प्रमुख सुधारों केंद्रित करेगी,जिसमें किसानों का कल्याण,वित्तीय सुधार और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने जैसे उपाय शामिल होंगे। उन्होंने कहा राज्य के किसानों का समर्थन करने के लिए, हमारी सरकार न्यूनतम पूर्व-निर्धारित मूल्य पर अदरक, हल्दी,मिर्च और झाड़ू की खरीद करेगी। उन्होंने एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर राजकोषीय सुधार लागू करेंगे। उन्होंने कहा हमारी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी इसके लिए सीबीआई को कार्रवाई करने की अनुमति देगी।


