कर्नाटक के बल्लेबाज प्रखर चतुर्वेदी ने भारत के प्रमुख अंडर-19 मल्टी-डे टूर्नामेंट कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में मुंबई के खिलाफ एक पारी में 400 रन बनाकर भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।
युवराज सिंह का 25 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा
कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल में युवराज सिंह के 25 साल पुराने सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, चतुर्वेदी ने न केवल पहली पारी की बढ़त के आधार पर कर्नाटक के लिए जीत हासिल की, बल्कि क्रिकेट की दुनिया में भी अपना नाम दर्ज कराया। उनका नाबाद 404 रन अब टूर्नामेंट के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बन गया है।
सर्वोच्च व्यक्तिगत रन का स्कोर विजय ज़ोल के नाम
कूच बिहार ट्रॉफी के फाइनल मैच में पिछला सर्वोच्च स्कोर युवराज का था, युवी ने दिसंबर 1999 में बिहार की टीम पर पंजाब की जीत (पहली पारी की बढ़त पर) में 358 रन बनाए थे, जिसमें एमएस धोनी भी शामिल थे। इस टूर्नामेंट में सर्वोच्च व्यक्तिगत रन का स्कोर विजय ज़ोल के नाम है। ज़ोल ने 2011-12 सीज़न में असम के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए 451 रन बनाए थे।
मुंबई ने पहली पारी में बनाए गए 380 रन
चतुर्वेदी की पारी की शुरुआत कर्नाटक द्वारा मुंबई की पहली पारी में बनाए गए 380 रनों के जवाब के साथ हुई। कार्तिक एसयू के साथ पारी की शुरुआत करते हुए, दोनों ने शतकीय साझेदारी की। कार्तिक ने अर्धशतक लगाया, कार्तिक के आउट होने के बाद चतुर्वेदी ने हर्षिल धर्मानी के साथ मिलकर इतिहास रच दिया।
दूसरे विकेट के लिए 290 रन की साझेदारी
चतुर्वेदी और धर्माणी ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 290 रनों की जबरदस्त साझेदारी की, जिससे मुंबई की उम्मीदों पर पानी फिर गया और कर्नाटक को बढ़त मिल गई। धर्माणी ने बेहतरीन शतकीय पारी खेलते हुए 169 रन बनाए। इसके बाद कार्तिकेय केपी और हार्दिक राज ने भी अर्धशतक लगाए। अंत में कर्नाटक ने चतुर्वेदी की कप्तानी पारी की बदौलत अपनी पहली पारी में 8 विकेट पर 890 रन बनाए और पहली पारी के आधार पर 532 रनों की बढ़त हासिल कर मैच अपना नाम किया।