रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने क्रेडिट कार्ड जारी करने और उसके इस्तेमाल से जुड़े नियमों में बदलाव किया है।इससे क्रेडिट कार्ड लेते वक्त आपको अपने हिसाब से कार्ड नेटवर्क चुनने की सहूलियत मिलेगी।रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड नेटवर्क और कार्ड जारीकर्ता बैंक और एनबीएफसी के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
कार्ड नेटवर्क में से चुनने का देना होगा ऑप्शन
दरअसल, आरबीआई की नई दिशा-निर्देश के अनुसार अब कार्ड जारीकर्ता को अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड जारी करते समय एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क में से चुनने का ऑप्शन देना होगा। बैंकों को ग्राहक से पूछना होगा कि उन्हें किस नेटवर्क का क्रेडिट कार्ड चाहिए।
आरबीआई की नई गाइडलाइन के मुताबिक मौजूदा कार्डधारकों के लिए यह विकल्प अगले नवीनीकरण के समय प्रदान किया जा सकता है। यह निर्देश 10 लाख से कम सक्रिय कार्ड वाले क्रेडिट कार्ड जारीकर्ताओं पर लागू नहीं होंगे। आरबीआई ने कहा कि जारी करते समय ग्राहकों की पसंद के बारे में यह नियम अधिसूचना की तारीख से छह महीने तक प्रभावी रहेंगे।
भारत में पांच कार्ड नेटवर्क कंपनियां
मौजूदा समय में भारत में पांच कार्ड नेटवर्क कंपनियां-वीजा, मास्टर कार्ड, रूपे, अमेरिकन एक्सप्रेस और डायनर क्लब हैं। इन कंपनियों का अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन के साथ टाइअप है। इस कारण ग्राहक को अपने पंसद का कार्ड नेटवर्क चुनने का ऑप्शन नहीं मिलता है। कुछ कार्ड नेटवर्क क्रेडिट कार्ड पर अन्य के मुकाबले ज्यादा सालाना फीस चार्ज करते हैं। ऐसे में अगर कोई बैंक आपको एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क का ऑप्शन नहीं देता है, तो आपको मजबूरी में वहीं नेटवर्क चुकाना होगा जिस पर ज्यादा फीस है। वहीं, एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क का ऑप्शन मिलेगा तो आप अपनी जरूरत, इसकी फीस और नेटवर्क पर मिलने वाली सुविधा के आधार पर सही ऑप्शन का चुनाव कर सकेंगे।
2023 तक भारत में 8.6 करोड़ क्रेडिट कार्ड प्रचलन में
दुनिया की सबसे बड़ी कार्ड कंपनी वीजा है। यह 200 से ज्यादा देश और टेरिटरी में मौजूद है। इसका बाजार पूंजीकरण 489.50 अरब डॉलर (करीब 40 लाख करोड़ रुपये) है। वीजा के बाद दूसरी सबसे पॉपुलर कैशलेस पेमेंट कंपनी मास्टरकार्ड है। यह विश्व के 150 देशों में मौजूद है, जिसका मार्केट कैप 372.55 अरब डॉलर करीब 30 लाख करोड़ रुपये है। एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल, 2023 तक भारत में 8.6 करोड़ क्रेडिट कार्ड प्रचलन में थे।