प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (बुधवार) 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर रांची से आदिवासी सशक्तिकरण के लिए 'पीएम पीवीटीजी विकास मिशन' की शुरुआत करेंगे। इसे आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
28 लाख आदिवासियों का होगा फायदा
ज्ञात हो इसके तहत केंद्र सरकार विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों यानी पीवीटीजी के लिए 24,000 करोड़ रुपये की योजना शुरू करेगी। इससे तकरीबन 28 लाख आदिवासियों का उद्धार होगा।
जी हां, यह धनराशि जनजातीय समूहों के समग्र विकास में इस योजना के लिए खर्च होगी। ज्ञात हो, वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में, पीवीटीजी की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए मिशन शुरू करने की घोषणा की गई थी।
18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी
18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी 22 हजार 544 गांवों में रहते हैं, जिनकी आबादी करीब 28 लाख है। ये जनजातियां दूरस्थ व दुर्गम वन क्षेत्रों में बिखरी बस्तियों में रहती हैं। इसलिए उन तक सड़क एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण तथा स्थायी आजीविका के मौकों तक बेहतर पहुंच जैसी बुनियादी सुविधाएं देने के लिए यह योजना बनाई गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण #HamaraSankalpViksitBharat के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से साझा कर चुकी हैं।
https://x.com/nsitharamanoffc/status/1724625912971579453?s=20
PM पीवीटीजी मिशन को ऐसे बनाया जाएगा सफल
इस मिशन को नौ मंत्रालयों के 11 हस्तक्षेपों के साथ कार्यान्वित किया जाएगा। उदाहरण के लिए, पीएमजीएसवाई, पीएमजीएवाई, जल जीवन मिशन आदि के तहत दूरस्थ बस्तियों को कवर करने के लिए कुछ मानदंडों में ढील दी जाएगी। पीएमजेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, शत-प्रतिशत टीकाकरण, सुरक्षित मातृत्व योजना, मातृ वंदना योजना, पीएम पोषण, जनधन योजना इत्यादि के लिए अलग से संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी।