पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के जीवनयापन को सुगम बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 2.0 देश भर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 100 शहरों में 500 स्थानों पर 1 से 30 नवंबर तक चलाया जा रहा है। डीएलसी अभियान 2.0 के लॉन्च के पहले सप्ताह में ही 16 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र देश भर में बनाए गए। डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को फेस ऑथेंटिकेशन से जमा करने की प्रक्रिया पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाणपत्र जमा करना आसान और निर्बाध बना देगा।
DLC को बढ़ावा दे रही केंद्र सरकार
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार पेंशनभोगियों के 'जीवन जीने में आसानी' के लिए, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहा है। 2014 में, बायोमेट्रिक का उपयोग करके डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था। इसके बाद विभाग ने आधार डेटाबेस पर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम विकसित करने के लिए एमईआईटीवाई और यूआईडीएआई के साथ काम किया, जिससे किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से एलसी जमा करना संभव हो सके।
फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी से पेंशनभोगियों की बायो-मीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता कम हुई
इस सुविधा के द्वारा फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिए किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित की जाती है और डीएलसी जेनरेट किया जाता है। नवंबर 2021 में लॉन्च की गई इस महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी ने पेंशनभोगियों की बायो-मीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता को कम कर दिया और स्मार्टफोन-आधारित तकनीक का लाभ उठाकर इस प्रक्रिया को जनता के लिए अधिक सुलभ और किफायती बना दिया।
देश भर के 100 शहरों में चल रहा अभियान
दरअसल डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डीएलसी और फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग के लिए केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों के साथ-साथ पेंशन वितरण प्राधिकरणों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, डीओपीपीडब्ल्यू ने नवंबर 2022 के महीने में 37 शहरों में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया था। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 35 लाख से अधिक डीएलसी जारी होने के साथ यह अभियान एक बड़ी सफलता थी। 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों तथा विभागों, पेंशनभोगियों के कल्याण संघों, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई, आदि के सहयोग से, 50 लाख पेंशनभोगियों को लक्षित करते हुए, अब देश भर के 100 शहरों में 500 स्थानों पर 1 से 30 नवंबर, 2023 तक एक राष्ट्रव्यापी अभियान 2.0 चलाया जा रहा है।
बैंक अधिकारी कर रहे घरों और अस्पतालों का दौरा
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग कार्यालयों और सभी बैंक शाखाओं/एटीएम में रणनीतिक रूप से लगाए गए बैनर/पोस्टर के माध्यम से डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में सभी पेंशनभोगियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है। सभी बैंकों ने अपनी शाखाओं में समर्पित कर्मचारियों की एक टीम बनाई है, जिन्होंने अपने एंड्रॉइड फोन में इच्छानुसार ऐप डाउनलोड किए हैं, जो पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए इस टेक्नोलॉजी का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। यदि पेंशनभोगी वृद्धावस्था/बीमारी/कमजोरी के कारण बैंक तक पहुंचने मे असमर्थ हैं, तो बैंक अधिकारी इस उद्देश्य के लिए उनके घरों और अस्पतालों का दौरा भी कर रहे हैं।
वृद्ध पेंशनभोगियों के बीच हैं काफी उत्साह
बता दें कि सभी स्थानों पर सभी हितधारकों, विशेषकर बीमार/अत्यंत वृद्ध पेंशनभोगियों के बीच काफी उत्साह देखा गया है। इस वित्त वर्ष में अभियान के लॉन्च के पहले सप्ताह के अंत तक 16 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किए गए हैं, जिनमें से 90 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 9,500 पेंशनभोगी और 80-90 वर्ष की आयु के बीच के 1,09,000 पेंशन भोगी हैं वे अपने घर/स्थान/कार्यालयों/शाखाओं से अपनी डीएलसी जमा कर सकते हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश राज्य इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं । इन दोनों राज्यों में एक महीने तक चलने वाले अभियान के पहले सप्ताह में ही लगभग 4 लाख डीएलसी जारी किए गए हैं।