प्रतिक्रिया | Tuesday, September 10, 2024

11/01/24 | 9:33 pm

डीजीजीआई ने 2023 में शुल्‍क चोरी से जुड़े 6,323 मामलों का पता लगाया, सालाना आधार पर 119 प्रतिशत की वृद्धि

जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) जो कि जीएसटी मामलों की प्रमुख जांच एजेंसी है, इसने वर्ष 2023 के दौरान अपने कार्य-प्रदर्शन में उल्लेखनीय वृद्धि और बेहतरीन परिणाम प्रदर्शित किये हैं।

देश भर में जीएसटी की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए डीजीजीआई ने अपना अथक प्रयास निरंतर जारी रखा हुआ है। इसने ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो, बीमा क्षेत्र, सेकेंडमेंट (श्रमबल सेवाओं का आयात), फर्जी आईटीसी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में व्‍यापक जीएसटी चोरी का खुलासा किया है।

शुल्क चोरी का पता लगाने और स्वैच्छिक भुगतान मामलों में प्रदर्शन  

डीजीजीआई ने शुल्क चोरी के मामलों का पता लगाने और स्वैच्छिक भुगतान में अच्‍छी वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2023 में डीजीजीआई ने 28,362 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान सुनिश्चित किए जाने के साथ-साथ 1,98,324 करोड़ रुपये की शुल्क चोरी से जुड़े 6,323 मामलों का पता लगाया। जीएसटी चोरी में शामिल 140 मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया।

पिछले वर्ष यानी 2022 की तुलना में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 के दौरान 90,499 करोड़ रुपये की शुल्क चोरी के 4,273 मामलों का पता लगा था और 22,459 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान हुआ था और 97 गिरफ्तारियां हुई थीं। डीजीजीआई द्वारा पकड़ी गई शुल्क चोरी की राशि में सालाना आधार पर 119% की वृद्धि हुई है और स्वेच्छा से किए गए भुगतान में 26% की वृद्धि हुई है।

फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) मामलों में कार्य-प्रदर्शन

डीजीजीआई ने सरकारी राजस्व में रिसाव या लीकेज को रोकने के लिए आईटीसी की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया और इसके परिणामस्वरूप 2,642 करोड़ रुपये के स्वैच्छिक भुगतान के साथ 21,078 करोड़ रुपये की आईटीसी धोखाधड़ी के 2,335 मामलों का पता चला।  फर्जी इनवॉइस के खतरे को रोकने के लिए 116 मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया। पिछले वर्ष यानी 2022 की तुलना में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 के दौरान कुल 14,471 करोड़ रुपये के 1,646 मामलों का पता चला और 1,604 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान किया गया और 82 मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया गया। इससे पता चलता है कि शुल्क चोरी की राशि में सालाना आधार पर 46% की वृद्धि हुई है और फर्जी इनवॉइस के मामलों में स्वैच्छिक भुगतान में 65% की वृद्धि हुई है।

वित्त मंत्रालय के अनुसार डीजीजीआई का कार्य-प्रदर्शन निष्पक्षता, पारदर्शिता और अनुपालन के सिद्धांतों को बनाए रखने के प्रति इसके समर्पण-भाव को रेखांकित करता है। डीजीजीआई जीएसटी प्रणाली की प्रामाणिकता को बनाए रखने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कारोबार का संचालन जीएसटी कानूनों और नियमों के दायरे में रहकर ही हो, और अनुपालन करने वाले कारोबारियों को समान अवसर मिले।

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आखरी अपडेट: 9th Sep 2024