तंबाकू के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए बड़ा सीएसआईआर (CSIR) बड़ी तैयारी कर रहा है। दरअसल, आने वाले समय में तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों के सेहत पर होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए तंबाकू से निकोटीन की मात्रा को 70 फीसदी तक कम करने की दिशा काम हो रहा है।
तंबाकू के पौधों में निकोटीन की मात्रा 50 फीसदी तक कम
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के लखनऊ केन्द्र में इस संबंध में प्रयोग शुरू किए गए हैं और ऐसे तंबाकू का पौधे तैयार किए गए हैं, जिसमें निकोटीन की मात्रा 40-50 फीसदी कम पाई गई है। सोमवार को सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन कलाईसेल्वी ने बताया कि लखनऊ केन्द्र में इस दिशा में प्रयोगात्मक तौर पर शोध शुरू किया गया है। अभी केन्द्र द्वारा उगाए गए तंबाकू के पौधों में निकोटीन की मात्रा 50 फीसदी तक कम की जा सकी है और निकोटीन की मात्रा को 70 फीसदी तक कम करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
किसानों के लिए नई तकनीक खेती को प्रोत्साहन
इसके साथ महानिदेशक एन कलाई सेल्वी ने पिछले एक साल से चलाए जा रहे वन वीक, वन लैब कार्यक्रम के बारे में बताया कि लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए वैज्ञानिकों ने कृषि क्षेत्र में कई तरह के नए-नए प्रयोग किए हैं। किसानों की आय दुगना करने के मकसद से सीएसआईआर ने लेमन ग्रास की खेती, लैवेंडर की खेती और उन्हें नई तकनीक की खेती के लिए हजारों किसानों की सहायता की है और उन्हें प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में ई- ट्रैक्टर भी लोग देख सकेंगे।
दो दिन का भारत मंडपम में कार्यक्रम
बता दें कि 26 सितंबर को सीएसआईआर अपना 82वां स्थापना दिवस मना रहा है। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय सम्मेलन में प्रदर्शनी में कई नए प्रयोग देखे जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्थापना दिवस दो दिन मनाया जा रहा है। इसके तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जिनमें सीएसआईआर के वैज्ञानिक अनुसंधान को ऐसे ही तेज गति से संचालित करना, विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर अवार्ड प्रदान करना और वन वीक वन लैब के तहत किए गए नये शोध कार्यों को प्रदर्शित करना शामिल है।