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13/07/23 | 12:08 pm

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दिल्ली-एनसीआर में जल्द होगा सस्ता टमाटर, जानें क्या है केंद्र सरकार का प्लान

मॉनसून की मार और कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थिति की वजह से फल-सब्जियों पर काफी असर पड़ रहा है। यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों की आवक कम हो गई है और टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं। इस बीच उपभोक्ताओं को राहत देने और बढ़ती खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर की सीधी खरीद का निर्देश दिया है।

इन राज्यों से टमाटर खरीदने के निर्देश

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने नेफेड और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी महासंघ (एनसीसीएफ) को प्रमुख उपभोग केंद्रों में एक साथ वितरण के लिए आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से तत्काल टमाटर खरीदने के निर्देश दिए हैं। टमाटर का स्टॉक इस सप्ताह शुक्रवार तक दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर खुदरा दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाएगा। वितरण के लिए लक्षित केंद्रों की पहचान पिछले एक महीने में खुदरा कीमतों में अधिकतम वृद्धि के आधार पर की गई है, जहां कीमतें औसत से ऊपर है। राज्यों में टमाटर की खपत वाले मुख्य केंद्रों की पहचान की गई है।

यहां होती है टमाटर की ज्यादा पैदावार

भारत में टमाटर का उत्पादन अलग-अलग मात्रा में लगभग सभी राज्यों में होता है। अधिकतम उत्पादन भारत के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में होता है, जो भारतीय उत्पादन में 56% से 58% का योगदान देते हैं। अधिकतर उत्पादन राज्य होने के कारण दक्षिणी और पश्चिमी राज्य, उत्पादन मौसम के आधार पर अन्य बाजारों को इसकी आपूर्ति करते हैं।

बारिश के मौसम में कम होता है टमाटर का उत्पादन

विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन सीजन भी अलग-अलग होते हैं। कटाई का मौसम दिसंबर से फरवरी तक होता है। जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर का मौसम आमतौर पर टमाटर के लिए कम उत्पादन का मौसम होता है। जुलाई के साथ-साथ मानसून के कारण वितरण संबंधी चुनौतियां और बढ़ जाती हैं और माल ढुलाई में हानि से कीमतों में बढ़ोतरी होती है। बुवाई और कटाई के मौसम का चक्र और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन की मौसमी-भिन्नता टमाटर की कीमतों में मौसमी उतार-चढ़ाव के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। सामान्य मूल्य के अलावा, मौसम का प्रभाव, अस्थायी आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान और प्रतिकूल मौसम के कारण फसल की क्षति, आदि अक्सर कीमतों में अचानक वृद्धि का कारण बनती है।

इस हफ्ते कम होंगे टमाटर के दाम

दिल्ली एनसीआर में टमाटर की आवक मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश से होती है और कुछ मात्रा कर्नाटक के कोलार से आती है। वर्तमान में गुजरात, मध्य-प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के बाजारों में टमाटर की आवक ज्यादातर महाराष्ट्र, विशेषकर सतारा, नारायणगांव और नासिक से होती है, जो इस महीने के अंत तक रहने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश की मदनपल्ले (चित्तूर) से भी उचित मात्रा में आवक जारी है। नासिक जिले से जल्द ही नई फसल की आवक होने की उम्मीद है। इसके अलावा अगस्त में नारायणगांव और औरंगाबाद बेल्ट से अतिरिक्त आपूर्ति आने की उम्मीद है। मध्य-प्रदेश से भी आवक शुरू होने की उम्मीद है। परिणामस्वरूप निकट भविष्य में टमाटर की कीमतें कम होने की उम्मीद है।

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आखरी अपडेट: 8th Dec 2024