आज 21 नवंबर को पूरी दुनिया में विश्व टेलीविजन दिवस मनाया जा रहा है। आज भी टेलीविजन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बना हुआ है, भले ही स्क्रीन साइज और स्वरूप बदल गए हों और लोगों के वीडियो कंटेंट उपभोग के लिए नए-नए प्लेटफॉर्म्स बढ़े हों, बावजूद इसके वैश्विक स्तर पर टेलीविजन सेट के इस्तेमाल की संख्या लगातार बढ़ी है। आज टेलीविजन का उपयोग मनोरंजन से लेकर शिक्षा एवं समाचारों के माध्यम से दुनियाभर की पहुंच की दूरी महज एक रिमोर्ट बटन तक रह गयी है,आज टेलीविजन के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक आसानी से पहुंच रही है। टेलीविजन ने देश को विकास की राह पर अग्रसर करने में काफी मददगार साबित हुई हैं।
इस वर्ष विश्व टेलीविजन दिवस की थीम
संयुक्त राष्ट्र ने इस बार के विश्व टेलीविजन दिवस का मुख्य थीम ‘पहुंच’ घोषित किया गया है,जो टेलीविजन की उपलब्धता को हर व्यक्ति के लिए सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता पर जोर देता है। टेलीविजन संचार का ऐसा माध्यम है,जो कि भौगोलिक सीमाओं से परे और सूचनाओं के प्रसार के साथ-साथ शिक्षा और मनोरंजन के लिए उपयुक्त माना जाता है।
विश्व टेलीविजन दिवस का इतिहास
विश्व टेलीविजन दिवस को मनाए जाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सम्बन्धित प्रस्ताव को 17 दिसंबर 1996 को पारित किया गया था। इसके पहले संयुक्त राष्ट्र ने 21 व 22 नवंबर 1996 को वर्ल्ड टेलीविजन फोरम का आयोजन किया था। इसी के चलते महासभा ने विश्व टेलीविजन दिवस 21 नवंबर को मनाने का निर्णय लिया था।
काफी बदल चुका है आज का टेलीविजन
शुरूआती एकतरफा संचार के दौर के बाद आज का टेलीविजन काफी इंटेरैक्टिव हो चुका है। साधारण टेलीविजन से विकसित होकर आज के स्मार्ट टीवी ने इंटरनेट से कनेक्ट होकर वीडियो इंटेरैक्शन यानी बहुआयामी संचार को लोगों तक पहुंचाया है। आज का टेलीविजन टेलीविजन मल्टीमीडिया और इंटरैक्टिव कंटेंट की एक विस्तृत सेवाओं की एक श्रृंखला उपलब्ध कराता है, जैसे स्ट्रीमिंग वीडियो, संगीत और इंटरनेट ब्राउजिंग। विभिन्न सोशल मीडिया पर वीडियो प्लेटफार्मों से कंटेंट के उपभोग में बदलाव और लगातार विकसित हो रही तकनीक के बावजूद, टीवी अभी भी एक महत्वपूर्ण संचार का साधन बना हुआ है।
शिक्षा,मनोरंजन या राजनीति हो या कोई अन्य क्षेत्र आज के समय में किसी भी क्षेत्र से जुड़ी जानकारी आप टेलीविजन के जरिए आसानी से ले पाते हैं। टीवी के जरिए ही आज हम दुनिया में हो रही तमाम चीजों के बारे में जागरूक रहते हैं। आज बेशक ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे साधन मौजूद हैं, लेकिन टीवी के प्रति लोगों का प्रेम अभी भी बरकरार है।
किसने किया था टीवी का आविष्कार
कहा जाता है कि टेलीविजन का आविष्कार एक स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लोगी बेयर्ड ने साल 1924 में किया था। इसके बाद साल 1927 में फार्न्सवर्थ ने दुनिया के पहले वर्किंग टेलीविजन का निर्माण किया,वर्किंग टीवी का आविष्कार होने के बाद इसे 01 सितंबर 1928 में प्रेस के सामने पेश किया गया। शुरुआत में टीवी ब्लैक एंड व्हाइट था,लेकिन साल 1928 में जॉन लोगी बेयर्ड ने कलर टेलीविजन का आविष्कार किया। हालांकि पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग की शुरुआत साल 1940 में हुई थी।
भारत में टेलीविजन की शुरुआत
भारत में टीवी का सफर आजादी के बाद शुरू हुआ,इसमें यूनेस्को की अहम भूमिका रही। यूनेस्को की मदद से 15 सितंबर 1959 को नई दिल्ली में ऑल इंडिया रेडियो के अंतर्गत टीवी की शुरुआत हुई और आकाशवाणी भवन में टीवी का पहला ऑडिटोरियम भवन बना, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया शुरुआत में टीवी पर नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार, ट्रैफिक रूल्स, स्वास्थ्य आदि विषयों पर सप्ताह में दो बार एक घंटे के कार्यक्रम चलाए जाते थे। 1972 में मुंबई और अमृतसर में टीवी की सेवाएं पहुंच गईं और 1975 तक भारत के 7 शहरों में इसकी सेवाएं शुरू हो गईं। 1980 तक टीवी देश के तमाम हिस्सों में पहुंच चुका था। वहीं भारत में पहला कलर्ड टीवी 15 अगस्त 1982 में आया।
भारत का पहला टीवी सीरियल
भारत के पहले टीवी सीरियल की बात करें तो 'हम लोग' नामक सीरियल से शुरुआत हुई थी। इस सीरियल को फिल्म अभिनेता अशोक कुमार ने बनाया था। इस सीरियल में मनोज पाहवा,सीमा पहवा,दिव्या सेठ शाह,सुषमा सेठ,राजेश पुरी, विनोद नागपाल,लवलीन मिश्रा,जयश्री अरोड़ा जैसे कई कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं । इस सीरियल का आखिरी एपिसोड 17 दिसंबर 1985 को टेलीकास्ट हुआ था। इस सीरियल ने उस समय खूब वाहवाही बटोरी थी। इसके बाद धीरे-धीरे टीवी पर कई अन्य सीरियल्स के प्रसारण का भी सिलसिला शुरू हो गया।