प्रतिक्रिया | Friday, September 20, 2024

29/12/23 | 6:14 pm

पूर्वोत्तर में शांति की दिशा में बड़ा कदम, उल्फा और सरकार के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता

उग्रवादी संगठन युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (उल्फा) ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्र और राज्य सरकारों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में केंद्र और असम सरकार के साथ शांति के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा, “आज असम के भविष्य के लिए एक सुनहरा दिन है। लंबे समय तक पूर्वोत्तर को हिंसा का सामना करना पड़ा। 2014 में पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच अंतर को कम करने के प्रयास किए गए और खुले दिल से सभी के साथ बातचीत की शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हिंसा, उग्रवाद और विवाद मुक्त पूर्वोत्तर की कल्पना लेकर गृह मंत्रालय भी कार्य करता रहा।”

इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और केंद्र और राज्य सरकारों के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। शांति समझौते में वार्ता समर्थक उल्फा के 16 नेताओं ने भाग लिया।

इन 16 नेताओं में उल्फा अध्यक्ष अरविंद राजखोवा, महासचिव अनूप चेतिया, उपाध्यक्ष प्रदीप गोगोई, वित्त सचिव चित्रबन हजारिका, प्रचार सचिव मिथिंगा दैमारी, सांस्कृतिक सचिव प्रणति डेका, मृणाल हजारिका, अंतू सौदांग, राजू बरुवा, शशधर चौधरी आदि शामिल हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में हस्ताक्षर होने वाले त्रिपक्षीय समझौते में मुख्य रूप से राजनीतिक, भूमि, एनआरसी/घुसपैठ, रोजगार, कौशल विकास, बाढ़ और क्षरण, उद्योग, आर्द्रभूमि का विकास, अधिनियम नीति, कृषि, शिक्षा, संस्कृति, खेल, रेलवे, पर्यटन, जनजातीय दर्जा, पुनर्वास आदि पर चर्चा की गई।
 

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आखरी अपडेट: 20th Sep 2024