प्रतिक्रिया | Thursday, October 10, 2024

05/03/24 | 9:06 am

प्रधानमंत्री मोदी देश के पहले स्वदेशी फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में कोर लोडिंग के शुभारंभ के बने साक्षी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कलपक्कम में भारत के पहले स्वदेशी प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) के शुभारंभ का अवलोकन किया। कोर लोडिंग के पूरा होने पर, अति-महत्वपूर्ण चरण (क्रिटिकलिटी) का पहला भाग हासिल कर लिया जाएगा, जिससे बाद में बिजली का उत्पादन होगा। आत्मनिर्भर भारत की भावना के तहत, पीएफबीआर को एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय उद्योगों के योगदान से भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के दोहरे लक्ष्य को हासिल करना है। 

पीएम मोदी ने देखा रिएक्टर वॉल्ट और रिएक्टर का नियंत्रण कक्ष

प्रधानमंत्री कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी सोमवार को भारत के 500 मेगावाट के स्वदेशी प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर की कोर लोडिंग की शुरुआत के साक्षी बने। प्रधानमंत्री रिएक्टर वॉल्ट और रिएक्टर का नियंत्रण कक्ष देखने गए। उन्हें इस रिएक्टर की मुख्य विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई।

पहला स्वदेशी फास्ट ब्रीडर रिएक्टर

ज्ञात हो कि भारत ने परमाणु ईंधन चक्र के पूरे स्पेक्ट्रम में व्यापक क्षमताएं विकसित की हैं। वहीं दूसरी ओर आत्मनिर्भर भारत की सच्ची भावना के अनुरूप, पीएफबीआर को एमएसएमई सहित 200 से अधिक भारतीय उद्योगों के महत्वपूर्ण योगदान के साथ भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है। गौरतलब है कि एक बार चालू होने के बाद, भारत रूस के बाद वाणिज्यिक रूप से फास्ट ब्रीडर रिएक्टर परिचालित करने वाला वाला दूसरा देश बन जाएगा।

भारत के प्रचुर थोरियम भंडार का होगा उपयोग 

बता दें कि फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (एफबीआर) शुरू में यूरेनियम-प्लूटोनियम मिश्रित ऑक्साइड (एमओएक्स) ईंधन का उपयोग करेगा। ईंधन कोर के आसपास का यूरेनियम-238 “ब्लैंकेट” अधिक ईंधन का उत्पादन करने के लिए परमाणु रूपांतरण से गुजरेगा, जिससे इसे 'ब्रीडर' नाम मिलेगा। इस चरण में ब्लैंकेट के रूप में थोरियम-232, जो अपने आप में एक विखंडनीय पदार्थ नहीं है, का उपयोग भी प्रस्तावित है। रूपांतरण द्वारा, थोरियम विखंडनीय यूरेनियम-233 बनाएगा, जिसका उपयोग तीसरे चरण में ईंधन के रूप में किया जाएगा। इस प्रकार एफबीआर; कार्यक्रम के तीसरे चरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंततः भारत के प्रचुर थोरियम भंडार के पूर्ण उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पीएम मोदी ने एक्स पर कहा 

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (x) पर एक पोस्ट में साझा किया कि इससे भारत के विशाल थोरियम भंडार के अंतिम उपयोग का मार्ग प्रशस्त होगा और इस प्रकार परमाणु ईंधन आयात की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इससे भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता और नेट जीरो की दिशा में प्रगति दोनों हासिल करने में मदद मिलेगी। 

https://x.com/narendramodi/status/1764714205180289316?s=20

बिजली का होगा उत्पादन 

उल्लेखनीय है कि सुरक्षा के संदर्भ में, पीएफबीआर एक उन्नत तीसरी पीढ़ी का रिएक्टर है, जिसमें अंतर्निहित निष्क्रिय सुरक्षा विशेषताएं हैं जो आपात स्थिति में संयंत्र को तुरंत और सुरक्षित रूप से बंद करना सुनिश्चित करती हैं। चूंकि यह पहले चरण से खर्च किए गए ईंधन का उपयोग करता है, एफबीआर उत्पन्न परमाणु कचरे में महत्वपूर्ण कमी के मामले में भी बड़ा लाभ प्रदान करता है। इस कारण, बड़ी भूवैज्ञानिक निपटान सुविधाओं की आवश्यकता से भी बचा जा सकता है। कोर लोडिंग के पूरा होने पर, अति-महत्वपूर्ण चरण (क्रिटिकलिटी) का पहला भाग हासिल कर लिया जाएगा, जिससे बाद में बिजली का उत्पादन होगा।
 

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आखरी अपडेट: 10th Oct 2024