समुद्री डाकुओं के खिलाफ भारतीय नौसेना को एक बार फिर बड़ी कामयाबी मिली है। भारतीय युद्धक जहाज आईएनएस कोलकाता ने अरब सागर में एक अपहृत जहाज में सवार सभी 35 समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। भारतीय नौसेना का यह अभियान तकरीबन 40 घंटे चला। जिसमें अपहृत जहाज एमवी रुएन से चालक दल के 17 सदस्यों को भी सकुशल बचा लिया गया।
40 घंटे तक चला ऑपरेशन
भारतीय नौसेना की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ऑपरेशन से संबंधित जानकारी साझा की गई है। जिसमें बताया गया है कि आईएनएस कोलकाता ने भारतीय तट से करीब 2600 किमी दूर समुद्री लुटेरों के जहाज रुएन को घेरा था। अभियान में आईएनएस सुभद्रा और समुद्री गश्ती विमान के साथ सी17 एयरक्रॉफ्ट से भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो को इस जहाज पर उतारा गया। इस साझा प्रयास से समुद्री डाकुओं के जहाज को रोकने में कामयाबी मिली। लुटेरों को तुरंत सरेंडर करने और बंधकों को छोड़ने के लिए कहा गया। 40 घंटे चले ऑपरेशन में अपहृत जहाज एमवी रुएन से चालक दल के 17 सदस्यों को सकुशल बचा लिया गया।
14 दिसंबर को किया था एमवी रुएन जहाज का अपहरण
सभी समुद्री डाकू सोमालिया के रहने वाले हैं और समुद्र में अपहरण को अंजाम देने के लिए 14 दिसंबर को इन समुद्री लुटेरों ने एमवी रुएन जहाज का अपहरण कर लिया था। भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने 15 मार्च को इसका पीछा किया और इस दौरान अपहृत जहाज से गोलीबारी की गई। भारतीय युद्धपोत ने भी अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक जवाबी कार्रवाई की।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा के मामले में लगातार अपनी बेहतरीन क्षमता का प्रदर्शन करते हुए कई कामयाबी हासिल कर चुकी है। इस महीने की शुरुआत में सोमालिया के पूर्वी तट पर 11 ईरानी और 8 पाकिस्तानी नागरिकों के चालक दल वाले जहाज पर डकैती के प्रयास को विफल कर दिया था। जबकि जनवरी में भारतीय युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री डाकुओं द्वारा हमला किए जाने के बाद ईरानी ध्वज वाले जहाज के 19 पाकिस्तानी चालक दल को बचाया था। नौसेना ने 05 जनवरी को उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमवी लीला नोरफोक के अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया था।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)