केन्या के राष्ट्रपति रुतो तीन दिन के भारत दौरे पर है। आज केन्या के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात हुई। दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान- प्रदान हुआ। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रुतो का औपचारिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पीएम मोदी मौजूद रहे। राष्ट्रपति रुतो भारत की यात्रा पर 4 दिसंबर को नई दिल्ली पहुंचे। इस यात्रा पर उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।
अफ्रीकन यूनियन के G20 में शामिल होने बाद केन्या के राष्ट्रपति की यात्रा
दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान- प्रदान हुआ। इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीकन यूनियन के G20 में शामिल होने के कुछ समय बाद ही उनकी यात्रा हो रही है। भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को हमेशा उच्च प्राथमिकता का स्थान दिया गया है। पिछले लगभग एक दशक में हमने मिशन मोड में अफ्रीका के साथ अपना सहयोग बढ़ाया है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति रुतो की यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ पूरे अफ्रीका महाद्वीप के साथ हमारे गठजोड़ को नया बल मिलेगा। भारत और केन्या के बीच आपसी व्यापार और निवेश में लगातार प्रगति हो रही है।
दोनों देशों के बीच होगा आर्थिक सहयोग
पीएम मोदी ने मीडिया से कहा कि हम हमारे आर्थिक सहयोग की पूरी क्षमता को महसूस करने के लिए हम नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे। इस वर्ष हम भारत और केन्या के राजनयिक संबंधों की साठवीं वर्षगाँठ मना रहे हैं, किन्तु हमारे संबंधों का हज़ारों वर्ष पुराना इतिहास है। मुंबई और मोम्बासा को आपस में जोड़ता हुआ विशाल हिंद महासागर हमारे प्राचीन संबंधों का साक्षी रहा है। इस मज़बूत नींव पर हम सदियों से साथ मिलकर आगे बढ़ते रहे हैं। पिछली सदी में हमने मिलकर उपनिवेशवाद का विरोध किया।
उन्होंने आगे कहा कि भारत केन्या के लिए एक विश्वसनीय और प्रतिबद्ध विकास का भागीदार रहा है। आईटीइसी (ITEC) तथा आईसीसीआर (ICCR) छात्रवृत्ति के माध्यम से भारत ने केन्या के लोगों की स्किल डेवलपमेंट और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दो कृषि प्रधान अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमने अपने अनुभव साझा करने पर सहमति जताई।
क्लीन एनर्जी (Clean Energy) दोनों ही देशों की मुख्य प्राथमिकता
पीएम मोदी कहा कि केन्या के कृषि क्षेत्र का आधुनिकिकरण करने के लिए हमने ढाई सौ मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। आधुनिक समय की ज़रूरतों के अनुसार हम टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure) में भारत की उपलब्धियों को केन्या के साथ साझा करने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं। इस महत्वपूर्ण विषय पर आज किए जा रहे समझौते से हमारे प्रयासों को बल मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि क्लीन एनर्जी दोनों ही देशों की मुख्य प्राथमिकता है।
दोनों देशों के नेताओं ने की कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा
पीएम मोदी ने मीडिया को बताया कि आज की बैठक में हमने कई वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। हिन्द महासागर से जुड़े हुए देशों के रूप में समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती (maritime security, piracy) और नशीले पदार्थों की तस्करी (drug trafficking) हमारी साझा प्राथमिकता के विषय हैं। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में आपसी सहयोग को मज़बूत करने के लिए हम समुद्री सहयोग पर संयुक्त दृष्टि वक्तव्य (Joint Vision Statement) जारी कर रहे हैं । केन्या और भारत का करीबी सहयोग इंडो-पेसिफिक में हमारे सभी प्रयासों को बल देगा। उन्होंने कहा कि भारत और केन्या एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है। इस संबंध में हमने आतंकवाद (counter-terrorism) के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है। केन्या ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (Global Biofuels Alliance) और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) से जुड़ने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज की चर्चा में हमने सैन्य अभ्यास, क्षमता निर्माण के साथ-साथ दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को भी आपस में जोड़ने पर बल दिया।