राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को लखनऊ में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी लखनऊ (IIIT Lucknow) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने मेधावियों को मेडल प्रदान कीं। इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बने। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आईआईआईटी लखनऊ के सभी छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे न केवल इस दृष्टिकोण में भागीदार बनें बल्कि इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ भी दें।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित संस्थान के इस दूसरे दीक्षांत समारोह में उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत करते हुए कहा कि आईआईआईटी लखनऊ के द्वितीय दीक्षांत समारोह में जिन युवाओं को डिग्री मिल रही है, उन्हें और उनके अभिभावकों को हम बधाई देते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैंने अभी देखा है कि आपके संस्थान के लोगों में विद्या ददाति विनयम… को उल्लेखित किया है जिसका अर्थ है विद्या विनय देती है और विनय से पात्रता आती है। पात्रता से धन आता है और धन से धर्म आता है। धर्म से सुख प्राप्त होता है। मुझे आशा है कि आप सब अपने संस्थान के ध्येय के अनुकूल आचरण करते हुए भविष्य का निर्माण करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि आईआईटी लखनऊ को विशेष दर्जा दिया गया है, यह दर्जा आपकी क्षमता का परिचायक है। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं की इंजीनियरिंग और बिजनेस जैसे क्षेत्र में शिक्षा प्रधान करने वाले आईआईटी जैसे संस्थान शिखर पर खड़े हैं। डिजिटल बिजनेस के लिए संस्थान ने प्रोग्राम शुरू किया है, यह सराहनीय कदम है।
राष्ट्रपति ने डिजायर, डेमोक्रेसी, डेवलपमेंट जैसे 5D का उल्लेख किया। भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरा करने के वक्त विकसित राष्ट्र का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में कार्य करने के लिए आप सबको संकल्प लेना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारा सपना है कि भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बने। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह आईआईआईटी लखनऊ के सभी छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे न केवल इस दृष्टिकोण में भागीदार बनें बल्कि इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ भी दें।
उन्होंने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत देख रहे हैं। भारत न केवल चौथी औद्योगिक क्रांति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और ब्लॉकचेन जैसी नई प्रौद्योगिकियों के वैश्विक केंद्र के रूप में भी उभर रहा है।