भारत पहली बार अरबपति कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के साथ साझेदारी करते हुए फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए अपना संचार उपग्रह जीसैट-N2 लॉन्च करेगा। यह उपग्रह 2024 की दूसरी तिमाही में लॉन्च करने की योजना है।
क्या है GSAT-N2 उपग्रह का उद्देश्य ?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बयान में बताया गया कि उच्च क्षमता वाले उस उपग्रह का उद्देश्य भारतीय ब्रॉडबैंड कम्यूनिकेशन को बढ़ावा देना है। खासतौर से यह देश के दूरदराज एवं ब्रॉडबैंड से बिना जुड़े इलाकों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा देगा।
NSIL ने ट्वीट कर दी यह जानकारी
इस संबंध में न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट भी किया गया जिसमें बताया गया कि जून 2020 में सरकार द्वारा घोषित अंतरिक्ष क्षेत्र सुधारों के हिस्से के रूप में भारत में NSIL देश की ब्रॉडबैंड संचार जरूरतों को पूरा करने के लिए 2024 की दूसरी तिमाही के दौरान अपना दूसरा मांग-संचालित उपग्रह मिशन GSAT-20 [GSAT-N2] शुरू कर रहा है।
https://x.com/NSIL_India/status/1742410765657936067?s=20
4700 किलोग्राम है GSAT-N2 का वजन
बताना चाहेंगे इस उपग्रह का वजन 4700 किलोग्राम है जो इसरो की वर्तमान उच्चतम अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण क्षमता 4000 किलोग्राम से अधिक है।
GSAT-N2 उपग्रह की सक्षमता
ये उपग्रह उच्च गति वाली ब्रॉडबैंड गतिविधि और डिजिटल वीडियो एवं ऑडियो ट्रांसमिशन को बैंड करने में सक्षम है। इसकी कवरेज अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप समेत पूरे भारत में होगी।
उल्लेखनीय है कि न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने जून 2022 में अपना पहला माल आधारित सैटेलाइट मिशन जीसैट-24 लॉन्च किया था।