प्रतिक्रिया | Thursday, September 19, 2024

20/10/23 | 10:58 am

मिशन चंद्रयान, आदित्य एल-1 के बाद अब मिशन गगनयान की बारी, जानें कैसी है इसरो की तैयारी

मिशन गगनयान के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर जानकारी दी कि गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान की टेस्टिंग टीवी-डी 1 शनिवार को सुबह 7 बज कर 30 मिनट पर शुरू करेगा। इस परीक्षण का सीधा प्रसारण लोग इसरो की वेबसाइट पर देख सकेंगे। 

मिशन गगनयान : टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान उड़ने को तैयार 

इससे पहले 17 अक्टूबर को इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मिशन गगनयान : टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निर्धारित है। इस मिशन से रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग होने जा रही है। टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान के बाद गगनयान कार्यक्रम के तहत तीन और परीक्षण यान मिशन किए जाएंगे। 

उल्लेखनीय है कि गगनयान मिशन के तहत मानव दल को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके उसे भारतीय समुद्री सतह पर उतारकर पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से वापस लाने की यान की क्षमता का आंकलन करने और मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।

क्या है इसका उद्देश्य ?

परीक्षण यान की उड़ान (टीवी-डी1) का उद्देश्य क्रू मॉड्यूल का परीक्षण करना है, जो अगले साल के अंत में मानव अंतरिक्ष उड़ान के दौरान भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान में मानव रहित क्रू मॉड्यूल को बाहरी अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करना, इसे पृथ्वी पर वापस लाना और बंगाल की खाड़ी में सुरक्षित उतारना है।

गगनयान मिशन के तहत चार महत्वपूर्ण परीक्षण

गगनयान मिशन के तहत चार महत्वपूर्ण परीक्षण किए जाने हैं, जिसमें इस महीने परीक्षण यान टीवी-डी1 का परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद दूसरे परीक्षण यान टीवी-डी2 और पहले मानव रहित गगनयान (एलवीएम3-जी1) का परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद परीक्षण यान मिशन (टीवी-डी3 और डी4) और एलवीएम3-जी2 को रोबोटिक पेलोड के साथ भेजने की योजना है। अंतिम चरण मानवयुक्त परीक्षण यान को लॉन्च करने का है।

क्या है गगनयान मिशन ?

उल्लेखनीय है कि इसरो का गगनयान मिशन भारत का पहला और दुनिया का चौथा अंतरिक्ष मानव मिशन है। इसके रॉकेट को जीएसएलवी मार्क-III में कुछ बदलाव करके बनाया गया है, जिसे एचएलवीएम-III नाम दिया गया है। इसमें इंसानों को ले जाने वाले कैप्स्यूल और आपात स्थिति में इजेक्शन सिस्टम जोड़ा गया है। गगनयान मिशन में 3,735 किलोग्राम वजन का एक स्पेसक्राफ्ट भी है, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भ्रमण करने में मदद करेगा। इसे ऑर्बिटर मॉड्यूल भी कहा जाता है। गगनयान मिशन को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा। फिर यह करीब 3 दिनों तक पृथ्वी का परिक्रमा करेगा। इसके बाद इसके कैप्सूल (क्रू मॉड्यूल) को पैराशूट के माध्यम से समुद्र में उतारा जाएगा।

गगनयान मिशन की सफलता से भारत, पूर्ववर्ती यूएसएसआर, अमेरिका और चीन के बाद अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा। डेनमार्क समेत कई अन्य देश भी इस दिशा में काम कर रहे हैं।

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आखरी अपडेट: 19th Sep 2024