हाल ही में पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया और वहां की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लिया। पीएम के दौरे के बाद से ही देश में लक्षद्वीप को लेकर चर्चा शुरू हुई। देश के एक महत्वपूर्ण हिस्से की सुंदरता और एंडवेंचर को लेकर लोग वहां की तारीफ कर रहे हैं और मालदीव के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। इस बीच इजरायल भी भारत के साथ आया है और बड़ी घोषणा कर दी है।
लक्षद्वीप में डिसेलिनेशन की शुरुआत करेगा इजरायल
दरअसल, इजराइल आज से लक्षद्वीप में डिसेलिनेशन (समुद्र के पानी को पीने लायक बनाना) कार्यक्रम की शुरूआत कर रहा है। इससे द्वीप समूह में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इजराइल के भारतीय दूतावास की ओर से किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी दी गई है। उसमें कहा गया है कि कार्यक्रम शुरू करने के भारत सरकार के अनुरोध पर हम पिछले साल लक्षद्वीप में थे। इजराइल आज से इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए तैयार है।
लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह
बता दें कि लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह है, जो अपने आकर्षक और समुद्र तटों और हरे-भरे परिदृश्य के लिए जाना जाता है। मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप नाम का अर्थ 'एक लाख द्वीप' है।” हालाकि लक्षद्वीप में पीने वाले पानी की हमेशा से परेशानी रही है। ऐसे में अब इजरायल के पास समुद्र के खारे पानी को मीठे पानी में बदलने की तकनीक है, जिसे डिसेलिनेशन कहते हैं। इस तकनीक के तहत समुद्र के खारे पानी से अशुद्धियों को अलग कर इसे पीने योग्य बनाया जाता है। लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ाने की दिशा में डिसेलिनेशन तकनीक काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।