प्रतिक्रिया | Tuesday, September 17, 2024

17/11/23 | 12:27 pm

‘वायस ऑफ ग्‍लोबल साउथ समिट’ में PM बोले- ‘हमास-इजराइल संघर्ष से नई चुनौती उभरी’ 

प्रधानमंत्री मोदी ने आज (शुक्रवार) को दूसरे 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' को 21वीं सदी की बदलती दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मंच बताया। जानकारी के लिए बता दें इस समिट का आयोजन भारत ने किया है।

इसके अलावा पीएम मोदी ने हमास और इजराइल के मध्य जारी संघर्ष पर कहा कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नई चुनौतियां उभर रही है। उन्होंने कहा, समय आ गया है कि 'ग्लोबल साउथ' के देश पूरी दुनिया के व्यापक हित में मिलकर आवाज उठाएं। 

भारत ने इजराइल पर आतंकवादी हमले की निंदा की

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने इजराइल पर आतंकवादी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा, ' हम हमास और इजराइल के बीच संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हमने बातचीत और कूटनीति के साथ-साथ संयम पर भी जोर दिया है। हम देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया के घटनाक्रम से नई चुनौतियां उभर रही हैं। भारत ने विकासशील देशों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और चिंताओं पर आवाज उठाने के लिए जनवरी में 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' के पहले संस्करण की मेजबानी की थी।'

 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' 21वीं सदी की बदलती दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मंच

पीएम मोदी ने कहा कि 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ' 21वीं सदी की बदलती दुनिया को प्रतिबिंबित करने वाला सर्वश्रेष्ठ मंच है। प्रधानमंत्री ने कहा, ' हम 100 से अधिक देश हैं लेकिन हमारी प्राथमिकताएं समान हैं।' प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन में पांच 'सी'- परामर्श, संचार, सहयोग, रचनात्मकता और क्षमता निर्माण के ढांचे के तहत सहयोग की अपील की । प्रधानमंत्री ने संबोधन में जी-20 में अफ्रीकी संघ के शामिल होने का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा,' मैं उस ऐतिहासिक क्षण को नहीं भूल सकता जब भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।'

'ग्लोबल साउथ' और 'नॉर्थ' के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए

उन्होंने G20 में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों की भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बार G20 देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए धन देने पर गंभीरता दिखाई है। साथ ही G20 में 'ग्लोबल साउथ' के देशों को जलवायु परिवर्तन पर आसान शर्तों पर वित्त और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की सहमति बनी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मानना है कि नई तकनीक से 'ग्लोबल साउथ' और 'नॉर्थ' के बीच दूरियां नहीं बढ़नी चाहिए। उल्लेखनीय है 'ग्लोबल साउथ' से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है। यह मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में हैं।

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आखरी अपडेट: 17th Sep 2024