विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 4 व 5 जनवरी को नेपाल दौरे पर जाएंगे। नेपाल के विदेश मंत्री एन.पी. सऊद के निमंत्रण पर काठमांडू का दौरा करेंगे। इस दौरान दोनों नेता भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की 7वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
तीन नए ट्रांसमिशन लाइन की शुरुआत
नेपाल के विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की बैठक में सहभागी होने के लिए भारतीय विदेश मंत्री 04 जनवरी को काठमांडू पहुंचेंगे। इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक विद्युत व्यापार समझौता किया जाएगा। इसके तहत भारत अगले 10 सालों में 10 हजार मेगावाट बिजली की खरीद करेगा। इसके अलावा सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर भी दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक में चर्चा होगी।
भारत के सहयोग से निर्मित हुआ ट्रांसमिशन लाइन
चार जनवरी को ही भारतीय विदेश मंत्री नवनिर्मित 132 केवीए के तीन प्रसारण लाइन का उद्घाटन करेंगे। इनमें बिहार से लगी रक्सौल-परवानीपुर, कुशहा-कटैया और उत्तर प्रदेश के नौतनवा-मैनहवां ट्रांसमिशन लाइन शामिल हैं। यह ट्रांसमिशन लाइन भारत के सहयोग से निर्मित हुआ है। इसी तरह भारत सरकार के सहयोग से काठमांडू स्थित त्रिभुवन विश्वविद्यालय में निर्मित केंद्रीय पुस्तकालय भवन का भी उद्घाटन किया जाएगा।
भारत की पड़ोसी प्रथम' नीति
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत-नेपाल संयुक्त आयोग की स्थापना 1987 में की गई थी। यह दोनों मंत्रियों को द्विपक्षीय साझेदारी के सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए एक मंच प्रदान करती है। यात्रा के दौरान विदेश मंत्री नेपाल के नेतृत्व और प्रमुख राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात भी करेंगे।
गौरतलब हो कि 'पड़ोसी प्रथम' नीति के तहत नेपाल भारत का प्राथमिक भागीदार है। यह यात्रा दो करीबी और मैत्रीपूर्ण पड़ोसियों के बीच उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है।