राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को संविधान दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का उद्घाटन किया। उन्होंने डाॅ. भीमराव अंबेडकर की 7 फीट ऊंची प्रतिमा पर फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मौजूद रहे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने डा. भीमराव अंबेडकर की 7 फीट ऊंची प्रतिमा पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू और सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ ने पौधारोपण किया।
पीएम मोदी ने देशवासियों को दी संविधान दिवस की शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने मासिक रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 107वें एपिसोड में बताया कि 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। पीएम ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में जब सबका साथ होता है, तभी सबका विकास भी हो पाता है। मुझे संतोष है कि संविधान निर्माताओं के उसी दूरदृष्टि का पालन करते हुए,अब भारत की संसद ने 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को पास किया है।
हर साल 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस
26 नवंबर को हर साल देश में संविधान दिवस (Constitution Day) के रूप में मनाया जाता है। जो भारत के संविधान को अपनाने की याद दिलाता है। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। 2015 में, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्रालय ने नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया,भारत का संविधान देश के हर नागरिक को आजाद भारत में रहने का समान अधिकार देता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश के युवाओं के बीच में संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देना जागरूकता फैलाना है। भारत का संविधान बनाने में डॉ. बी आर अंबेडकर की अहम भूमिका रही है।
संविधान दिवस का महत्व
संविधान दिवस सभी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश में ब्रिटिश शासन के अंत का प्रतीक है। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बावजूद जब तक कि 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू नहीं हुआ, यह अगले तीन वर्षों तक ब्रिटिश डोमिनियन बना रहा। यह दिन भारतीय संविधान के महत्व पर जोर देता है और यह बताता है कि देश के नागरिकों के लिए संविधान क्यों आवश्यक है।