प्रतिक्रिया | Thursday, November 07, 2024

12/01/24 | 12:19 pm

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट: इसरो की घोषणा, 2040 तक होगा अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दूसरा दिन भी काफी सफल रहा। 11 जनवरी को देश के की दिग्गजों और मंत्रियों ने हिस्सा लिया और भारत की भविष्य की योजनाओं और विकास कार्यों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहली 'मेड इन इंडिया' मेमोरी चिप का उत्पादन इस वर्ष के अंत तक गुजरात में होने की उम्मीद है। गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि गुजरात में माइक्रोन का निवेश भारत में सेमीकंडक्टर व्यवस्था बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने दक्षिण कोरियाई दिग्गज सिमटेक और गुजरात सरकार के बीच समझौता ज्ञापन का स्वागत किया।

सिनटेक ने आज गुजरात सरकार के साथ समझौता
सेमीकन्‍डकटर खुद एक रॉ-मेटेरियल है उसका जो रॉ-मैटेरियल है वह 250 के चीजों के आस-पास होती है। उन चीजों की सबसे महत्‍वपूर्ण चीज होती है, सबस्‍ट्रेन्‍थ। उसका दुनिया का सबसे बड़ा मैन्‍यूफैक्‍चर हैं-सिनटेक। सिनटेक ने आज गुजरात सरकार के साथ, भारत सरकार के साथ एएमयू साइन किया। उनका प्‍लान्‍ट भी साणंद में लगेगा।

मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे सुरंग
इसके साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल विभाग पवेलियन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि औसतन, लगभग प्रति माह 14 किमी का काम हो रहा है। वायाडक्ट, डेक, ट्रैक और ओवरहेड उपकरण लगाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक 270 किमी से अधिक वायाडक्ट बिछाया जा चुका है। स्टेशनों के निर्माण का काम भी तेजी से प्रगति पर है। रेल मंत्री ने कहा कि बीकेसी टर्मिनल पर पाइलिंग का काम पूरा हो गया है तथा मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे सुरंग के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया है और निर्माण कार्य शुरू हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना केवल एक परिवहन परियोजना नहीं है, बल्कि एक बड़ी क्षेत्रीय वृद्धि और विकासात्मक योजना है। इससे मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद जैसे सभी प्रमुख शहरों की अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने में मदद मिलेगी तथा इन शहरों के बीच आसान और तेज़ परिवहन सक्षम हो सकेगा, जिससे उत्पादकता कई गुना बढ़ जाएगी।

2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा है कि गिफ्ट सिटी 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का प्रवेश द्वार होगा। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में गिफ्ट सिटी पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमन ने कहा कि भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए गिफ्ट सिटी एक विविध फिनटेक प्रयोगशाला का निर्माण करेगी और 'ग्रीन क्रेडिट' व्यापार के लिए एक मंच विकसित करेगी।

ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में यूएई-गुजरात साथ 

वहीं सीएम भूपेंद्र पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-2024 के अंतर्गत गुरुवार को गांधीनगर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी के साथ बैठक की। सीएम ने गुजरात और यूएई के परस्पर सहयोग के संबंध में चर्चा के दौरान कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी और डिसेलिनेशन प्लांट के क्षेत्र में भी यूएई और गुजरात साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।
यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद ने कहा कि यूएई 2017 से वाइब्रेंट समिट में बतौर पार्टनर कंट्री शामिल हो रहा है और यूएई के निवेशकों की गुजरात में निवेश की संभावना लगातार बढ़ती रही है। मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट समिट के जरिए सभी को विकास का अवसर दिया है और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को साकार किया है। उन्होंने यूएई के निवेशकों को भी साथ मिलकर विकास में साझेदार बनने का आमंत्रण दिया।

‘गुजरात जो आज सोचता है, उसका देश कल अनुकरण करता है’

केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि गुजरात जो आज सोचता है, उसका देश कल अनुकरण करता है। देश के औद्योगिक विकास में गुजरात का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में गुजरात ने उद्योगों को स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप आज देश में एक लाख से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इन स्टार्टअप्स में से 100 से अधिक यूनीकॉर्न भी बन गए हैं।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि आज भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष या उससे कम आयु की है। इस प्रकार भारत एक युवा देश है। 21वीं शताब्दी इंडस्ट्री 4.0 और कौशल्य की रहेगी। इसलिए देश के युवाओं को इंडस्ट्रीज 4.0 के लिए ‘स्किल इनेबल्ड’ करने पर बल दिया जा रहा है।

 भारत स्टार्टअप क्षेत्र में विश्व का तीसरा देश

इसके बाद इस अवसर पर केन्द्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव राजेश कुमार सिंह ने स्टार्टअप की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के स्कूलों में आई-हब के माध्यम से स्टार्टअप की शुरुआत की गई है, इसके लिए एक करोड़ रुपये का फंड आरक्षित रखा गया है। वर्ष 2020 के बाद नई नीति से ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। भारत स्टार्टअप क्षेत्र में विश्व का तीसरा देश बन गया है। केन्द्र सरकार का उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग समग्र स्टार्टअप इकोसिस्टम का रखरखाव करता है। उन्होंने कहा कि हमारे विभाग द्वारा वर्ष 2016 में स्टार्टअप इंडिया मिशन शुरू किया गया था। आज 915 स्टार्टअप को 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि दी गई है। स्टार्टअप इंडिया के लिए 700 करोड़ रुपये की सीड फंड योजना भी लागू की गई है।

अब तक 21 हजार से अधिक डीपीआईए मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं तथा जीईएम (जेम) पोर्टल पर ऑनबोर्ड हुए हैं और अब तक 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के 2 लाख से अधिक वर्क ऑर्डर मिले हैं। स्टार्टअप की सरलता के लिए बैंकों, वित्तीय कंपनियों तथा एआईएफ द्वारा क्रेडिट गारंटी प्रदान की जा रही है। स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार अब स्टार्टअप्स के लिए अलग कोष के साथ एक अलग डीप टेक स्टार्टअप नीति पर कार्य कर रही है। स्टार्टअप के कारण रक्षा क्षेत्र में नौसेना को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं।

स्पेम में भारत के बढ़ते कदम
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में आयोजित हुई इंटरनेशनल स्पेस कॉन्फ्रेंस के एक हिस्से के रूप में स्पेस फॉर ऑल थीम पर पैनल डिस्कशन आयोजित हुआ। शुरुआत में कहा कि हमारे यहां स्पेस यानी चंद्रयान, मार्स मिशन या गगनयान को ही माना जाता है, परंतु स्पेस का क्षेत्र इससे भी बहुत विशाल है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन, नेवीगेशन, रिमोट सेंसिंग, स्पेस साइंस मिशन आदि क्षेत्र भी अति महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों और आम लोगों के लिए खुला करने की सरकार की पहली की प्रशंसा की।
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी), इसरो के निदेशक प्रकाश चौहाण ने भारत सरकार द्वारा बनाई गई स्पेस पॉलिसी 2023 की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पॉलिसी गेम चेंजर सिद्ध होगी और स्पेस फॉर ऑल के मिशन को साकार करने में सहायक बनेगी। उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही हमारे भूनिधि पोर्टल पर से डेटा लेने वाले लोगों में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनाई गई नई स्पेस पॉलिसी से देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में लोकाभिमुखता बढ़ी है। 

स्पेस में 2040 तक अपना स्वयं का होगा स्पेस स्टेशन 
गांधीनगर में आयोजित इंटरनेशनल स्पेस कॉन्फ्रेंस (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन) में इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति का उद्देश्य राष्ट्र की दीर्घकालिक समृद्धि है। इसरो चेयरमैन ने कहा कि हम मानव युक्त यान के जरिए मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने और वर्ष 2040 तक अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम प्रत्येक क्षेत्र में अंतरिक्ष विज्ञान को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम देश के विकास के लिए वैज्ञानिक पुल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि गुजरात स्पेस सेक्टर (अंतरिक्ष क्षेत्र) के देश और दुनिया के हितधारकों के लिए मौके की जगह बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के मुख्यालय की भेंट अहमदाबाद को दी है। यह संस्थान सिंगल विंडो, स्वतंत्र और स्वायत्त नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है, जिससे प्राइवेट स्पेस सेक्टर इकोनॉमी को बड़ा बल मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, साणंद में स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना करने के लिए राज्य सरकार और इन-स्पेस के बीच एमओयू हुआ है। बोपल में इन-स्पेस के मुख्यालय में टेक्निकल सपोर्ट एंड इंक्यूबेशन सेंटर भी कार्यरत किया जाएगा। इन-स्पेस संस्थान स्पेस टेक्नोलॉजी के अनुरुप विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन और टेक्निकल गाइडेंस प्रदान करेगी।

12/01/24 | 12:19 pm

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट: इसरो की घोषणा, 2040 तक होगा अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के दूसरा दिन भी काफी सफल रहा। 11 जनवरी को देश के की दिग्गजों और मंत्रियों ने हिस्सा लिया और भारत की भविष्य की योजनाओं और विकास कार्यों पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पहली 'मेड इन इंडिया' मेमोरी चिप का उत्पादन इस वर्ष के अंत तक गुजरात में होने की उम्मीद है। गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन में सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि गुजरात में माइक्रोन का निवेश भारत में सेमीकंडक्टर व्यवस्था बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने दक्षिण कोरियाई दिग्गज सिमटेक और गुजरात सरकार के बीच समझौता ज्ञापन का स्वागत किया।

सिनटेक ने आज गुजरात सरकार के साथ समझौता
सेमीकन्‍डकटर खुद एक रॉ-मेटेरियल है उसका जो रॉ-मैटेरियल है वह 250 के चीजों के आस-पास होती है। उन चीजों की सबसे महत्‍वपूर्ण चीज होती है, सबस्‍ट्रेन्‍थ। उसका दुनिया का सबसे बड़ा मैन्‍यूफैक्‍चर हैं-सिनटेक। सिनटेक ने आज गुजरात सरकार के साथ, भारत सरकार के साथ एएमयू साइन किया। उनका प्‍लान्‍ट भी साणंद में लगेगा।

मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे सुरंग
इसके साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल विभाग पवेलियन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि औसतन, लगभग प्रति माह 14 किमी का काम हो रहा है। वायाडक्ट, डेक, ट्रैक और ओवरहेड उपकरण लगाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक 270 किमी से अधिक वायाडक्ट बिछाया जा चुका है। स्टेशनों के निर्माण का काम भी तेजी से प्रगति पर है। रेल मंत्री ने कहा कि बीकेसी टर्मिनल पर पाइलिंग का काम पूरा हो गया है तथा मुंबई और ठाणे के बीच समुद्र के नीचे सुरंग के डिजाइन को अंतिम रूप दिया गया है और निर्माण कार्य शुरू हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना केवल एक परिवहन परियोजना नहीं है, बल्कि एक बड़ी क्षेत्रीय वृद्धि और विकासात्मक योजना है। इससे मुंबई, ठाणे, वापी, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद जैसे सभी प्रमुख शहरों की अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करने में मदद मिलेगी तथा इन शहरों के बीच आसान और तेज़ परिवहन सक्षम हो सकेगा, जिससे उत्पादकता कई गुना बढ़ जाएगी।

2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था
वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा है कि गिफ्ट सिटी 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का प्रवेश द्वार होगा। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में गिफ्ट सिटी पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री सीतारमन ने कहा कि भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए गिफ्ट सिटी एक विविध फिनटेक प्रयोगशाला का निर्माण करेगी और 'ग्रीन क्रेडिट' व्यापार के लिए एक मंच विकसित करेगी।

ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में यूएई-गुजरात साथ 

वहीं सीएम भूपेंद्र पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट-2024 के अंतर्गत गुरुवार को गांधीनगर में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी के साथ बैठक की। सीएम ने गुजरात और यूएई के परस्पर सहयोग के संबंध में चर्चा के दौरान कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी और डिसेलिनेशन प्लांट के क्षेत्र में भी यूएई और गुजरात साथ मिलकर आगे बढ़ सकते हैं।
यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद ने कहा कि यूएई 2017 से वाइब्रेंट समिट में बतौर पार्टनर कंट्री शामिल हो रहा है और यूएई के निवेशकों की गुजरात में निवेश की संभावना लगातार बढ़ती रही है। मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाइब्रेंट समिट के जरिए सभी को विकास का अवसर दिया है और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को साकार किया है। उन्होंने यूएई के निवेशकों को भी साथ मिलकर विकास में साझेदार बनने का आमंत्रण दिया।

‘गुजरात जो आज सोचता है, उसका देश कल अनुकरण करता है’

केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि गुजरात जो आज सोचता है, उसका देश कल अनुकरण करता है। देश के औद्योगिक विकास में गुजरात का महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे में गुजरात ने उद्योगों को स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिसके फलस्वरूप आज देश में एक लाख से अधिक स्टार्टअप्स कार्यरत हैं। इन स्टार्टअप्स में से 100 से अधिक यूनीकॉर्न भी बन गए हैं।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि आज भारत की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष या उससे कम आयु की है। इस प्रकार भारत एक युवा देश है। 21वीं शताब्दी इंडस्ट्री 4.0 और कौशल्य की रहेगी। इसलिए देश के युवाओं को इंडस्ट्रीज 4.0 के लिए ‘स्किल इनेबल्ड’ करने पर बल दिया जा रहा है।

 भारत स्टार्टअप क्षेत्र में विश्व का तीसरा देश

इसके बाद इस अवसर पर केन्द्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव राजेश कुमार सिंह ने स्टार्टअप की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य के स्कूलों में आई-हब के माध्यम से स्टार्टअप की शुरुआत की गई है, इसके लिए एक करोड़ रुपये का फंड आरक्षित रखा गया है। वर्ष 2020 के बाद नई नीति से ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। भारत स्टार्टअप क्षेत्र में विश्व का तीसरा देश बन गया है। केन्द्र सरकार का उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग समग्र स्टार्टअप इकोसिस्टम का रखरखाव करता है। उन्होंने कहा कि हमारे विभाग द्वारा वर्ष 2016 में स्टार्टअप इंडिया मिशन शुरू किया गया था। आज 915 स्टार्टअप को 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि दी गई है। स्टार्टअप इंडिया के लिए 700 करोड़ रुपये की सीड फंड योजना भी लागू की गई है।

अब तक 21 हजार से अधिक डीपीआईए मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं तथा जीईएम (जेम) पोर्टल पर ऑनबोर्ड हुए हैं और अब तक 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के 2 लाख से अधिक वर्क ऑर्डर मिले हैं। स्टार्टअप की सरलता के लिए बैंकों, वित्तीय कंपनियों तथा एआईएफ द्वारा क्रेडिट गारंटी प्रदान की जा रही है। स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार अब स्टार्टअप्स के लिए अलग कोष के साथ एक अलग डीप टेक स्टार्टअप नीति पर कार्य कर रही है। स्टार्टअप के कारण रक्षा क्षेत्र में नौसेना को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं।

स्पेम में भारत के बढ़ते कदम
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में आयोजित हुई इंटरनेशनल स्पेस कॉन्फ्रेंस के एक हिस्से के रूप में स्पेस फॉर ऑल थीम पर पैनल डिस्कशन आयोजित हुआ। शुरुआत में कहा कि हमारे यहां स्पेस यानी चंद्रयान, मार्स मिशन या गगनयान को ही माना जाता है, परंतु स्पेस का क्षेत्र इससे भी बहुत विशाल है। सैटेलाइट कम्युनिकेशन, नेवीगेशन, रिमोट सेंसिंग, स्पेस साइंस मिशन आदि क्षेत्र भी अति महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों और आम लोगों के लिए खुला करने की सरकार की पहली की प्रशंसा की।
नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी), इसरो के निदेशक प्रकाश चौहाण ने भारत सरकार द्वारा बनाई गई स्पेस पॉलिसी 2023 की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह पॉलिसी गेम चेंजर सिद्ध होगी और स्पेस फॉर ऑल के मिशन को साकार करने में सहायक बनेगी। उन्होंने कहा कि पिछले महीने ही हमारे भूनिधि पोर्टल पर से डेटा लेने वाले लोगों में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बनाई गई नई स्पेस पॉलिसी से देश में अंतरिक्ष क्षेत्र में लोकाभिमुखता बढ़ी है। 

स्पेस में 2040 तक अपना स्वयं का होगा स्पेस स्टेशन 
गांधीनगर में आयोजित इंटरनेशनल स्पेस कॉन्फ्रेंस (अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सम्मेलन) में इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति का उद्देश्य राष्ट्र की दीर्घकालिक समृद्धि है। इसरो चेयरमैन ने कहा कि हम मानव युक्त यान के जरिए मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने और वर्ष 2040 तक अपना स्वयं का स्पेस स्टेशन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम प्रत्येक क्षेत्र में अंतरिक्ष विज्ञान को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हम देश के विकास के लिए वैज्ञानिक पुल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि गुजरात स्पेस सेक्टर (अंतरिक्ष क्षेत्र) के देश और दुनिया के हितधारकों के लिए मौके की जगह बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के मुख्यालय की भेंट अहमदाबाद को दी है। यह संस्थान सिंगल विंडो, स्वतंत्र और स्वायत्त नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है, जिससे प्राइवेट स्पेस सेक्टर इकोनॉमी को बड़ा बल मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, साणंद में स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना करने के लिए राज्य सरकार और इन-स्पेस के बीच एमओयू हुआ है। बोपल में इन-स्पेस के मुख्यालय में टेक्निकल सपोर्ट एंड इंक्यूबेशन सेंटर भी कार्यरत किया जाएगा। इन-स्पेस संस्थान स्पेस टेक्नोलॉजी के अनुरुप विभिन्न मैन्युफैक्चरिंग उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन और टेक्निकल गाइडेंस प्रदान करेगी।

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आखरी अपडेट: 6th Nov 2024