भारत-अमेरिका के बीच संयुक्त अभ्यास ‘वज्र प्रहार’ का 14वां संस्करण आज से संयुक्त प्रशिक्षण मेघालय के उमरोई छावनी में आयोजित किया जा रहा है। अगले तीन हफ्तों तक अभ्यास के दौरान दोनों पक्ष के सेमेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से पहाड़ी इलाकों में पारंपरिक और गैरपरंपरागत परिदृश्यों में विशेष अभियानों,आतंकवाद विरोधी अभियानों, हवाई अभियानों का अभ्यास किया जाएगा।
इसमें लंबी दूरी पर लक्ष्यों की सटीकता से भेदने ,एयरबोर्न के अलावा फिक्स्ड विंग और रोटरी विंग एयरक्राफ्ट का कॉम्बैट एयर कंट्रोलिंग' आदि अभ्यास शामिल हैं। यह संयुक्त अभ्यास में अमेरिकी विशेष बलों (एसएफजी) के कर्मियों एवं भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व पूर्वी कमान के विशेष बलों के जवानों द्वारा किया जा रहा है।
14वां 'वज्र प्रहार' का संयुक्त अभ्यास
वज्र प्रहार संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के सेनाओं के बीच विचारों के आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए विकसित हुआ है। यह भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने का एक मंच है।
वज्र प्रहार का पहला संस्करण वर्ष 2010 में भारत में आयोजित किया गया था, जबकि भारत-अमेरिका संयुक्त विशेष बल अभ्यास का 13 वां संस्करण विशेष बल प्रशिक्षण स्कूल (एसएफटीएस),बकलोह हिमाचल प्रदेश में आयोजित किया गया था। वर्तमान संस्करण 21 नवंबर से 11 दिसंबर 2023 तक उमरोई छावनी, मेघालय में आयोजित किया जा रहा है।
दोनों देशों के सैन्य बलों द्वारा इस संयुक्त अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से भारत और अमेरिका में किया जाता है। विशेष बल किसी देश के सशस्त्र बलों की ईकाइयां हैं जो गुप्त, आतंकवाद विरोधी और अन्य विशिष्ट ऑपरेशन करते हैं।
21 दिवसीय संयुक्त प्रशिक्षण में दोनों देशों के विशेष बलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत एक संयुक्त वातावरण में हवाई संचालन, विशेष संचालन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। संयुक्त सैन्य अभ्यास को दो चरणों में आयोजित हो रहे हैं, जिसमें पहले चरण के दौरान युद्ध कंडीशनिंग और सामरिक स्तर के विशेष मिशन प्रशिक्षण अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में दोनों टुकड़ियों द्वारा अर्जित कौशल और ज्ञान का 48 घंटे का फीडबैक शामिल होगा।
अमेरिकी विशेष बलों के साथ वज्र प्रहार अभ्यास वर्तमान वैश्विक स्थिति को देखते हुए दोनों राष्ट्रों के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण है। संयुक्त सैन्य अभ्यास ने दोनों राष्ट्रों के विशेष बलों के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन के साथ-साथ भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बेहतर द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत किया है।