भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर लोगों का भरोसा बाकी दुनिया से कहीं ज्यादा है। केपीएमजी द्वारा तैयार की गई एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 76 प्रतिशत लोग एआई का उपयोग करने को लेकर आत्मविश्वास से भरे हैं, जबकि वैश्विक औसत सिर्फ 46 प्रतिशत है। यह रिपोर्ट 47 देशों के 48,000 लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत न केवल एआई को अपनाने के मामले में आगे है, बल्कि इसकी उपयोगिता और संभावनाओं को लेकर भी सबसे अधिक आशावादी है। सर्वे में भाग लेने वाले 90 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि एआई ने अलग-अलग क्षेत्रों में काम की पहुंच और प्रभावशीलता को बेहतर बनाया है। इससे साफ होता है कि भारत में एआई एक बदलाव लाने वाली ताकत बन चुकी है। इतना ही नहीं, 97 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी काम में एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा सिर्फ 58 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 67 प्रतिशत लोगों ने माना कि वे एआई के बिना अपने रोज़ के टास्क पूरे नहीं कर सकते।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में एआई को लेकर समझ और प्रशिक्षण भी बाकी देशों से बेहतर है। लगभग 64 प्रतिशत भारतीयों ने किसी न किसी रूप में एआई से जुड़ा प्रशिक्षण प्राप्त किया है और 83 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वे एआई टूल्स का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, 78 प्रतिशत भारतीयों को अपनी एआई उपयोग करने की क्षमता पर भरोसा है।
इस रिपोर्ट को मेलबर्न बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर निकोल गिलेस्पी और डॉ स्टीव लॉकी ने केपीएमजी के सहयोग से तैयार किया है। केपीएमजी इंडिया के अखिलेश टुटेजा ने कहा, “भारत नैतिक और नवाचारी एआई के इस्तेमाल में वैश्विक नेतृत्व के लिए एक मजबूत स्थिति में है।”-(IANS)