भारत और रूस के बीच मास्को में आयोजित दो दिवसीय (8-9 जुलाई ) 22वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने पर अपनी प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भविष्य में सहयोग के नौ प्रमुख क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की जिसका लक्ष्य द्विपक्षीय संबंधों और आर्थिक सहयोग को और मजबूत बनाना है।
दोनों देशों के बीच इन प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति
व्यापार उदारीकरण : गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को खत्म करने, EAEU-भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना तथा 2030 तक 100 बिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
वित्तीय प्रणाली : राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग कर द्विपक्षीय भुगतान प्रणाली को विकसित किया जाएगा।
एनएसआई परिवहन गलियारा : उत्तर-दक्षिण अंतर्राष्ट्रीय परिवहन गलियारे का विकास, उत्तरी समुद्री मार्ग और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री रेखा के माध्यम से कार्गो कारोबार में वृद्धि तथा डिजिटल प्रणालियों के साथ सीमा शुल्क प्रक्रियाओं का अनुपालन किया जाएगा।
कृषि व्यापार : दोनों देशों के बीच पशु चिकित्सा, स्वच्छता और फाइटोसैनिटरी प्रतिबंधों को हटाकर कृषि उत्पादों, खाद्य और उर्वरकों में व्यापार का विस्तार किया जाएगा।
ऊर्जा सहयोग : दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग, तेल शोधन और पेट्रोकेमिकल्स में सहयोग बढ़ाना व ऊर्जा क्षेत्र के नवीनतम प्रौद्योगिकियों और उपकरणों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
औद्योगिक सहयोग : दोनों देशों के बीच इंफ्रास्ट्रक्चर (अवसंरचना) का विकास, परिवहन, ऑटोमोबाइल उत्पादन, जहाज निर्माण और अंतरिक्ष के क्षेत्र में आपसी सहयोग करना शामिल किया गया है।
डिजिटल अर्थव्यवस्था : डिजिटल अर्थव्यवस्था, विज्ञान, अनुसंधान और शैक्षिक आदान-प्रदान में निवेश और संयुक्त परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा नई संयुक्त कंपनियों के लिए अनुकूल राजकोषीय व्यवस्था प्रदान की जाएगी।
चिकित्सा सहयोग : दवाओं और उन्नत चिकित्सा उपकरणों के विकास और आपूर्ति व रूस में भारतीय चिकित्सा संस्थान की शाखाएँ खोलने की संभावनाओं की तलाश की जाएगी।
मानवीय सहयोग : शिक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, पर्यटन, खेल और स्वास्थ्य सेवा में सहयोग के लिए ज्ञान व कौशल को साझा किया जाएगा।