प्रतिक्रिया | Saturday, September 07, 2024

16/07/24 | 4:33 pm | kaveri Water dispute

तमिलनाडु को कावेरी का पानी देने से इंकार करने पर सर्वदलीय बैठक में कर्नाटक की निंदा

कावेरी नदी के पानी को लेकर एक बार फिर तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य के बीच तनातनी शुरू हो गई है। कावेरी का कम पानी छोड़े जाने को लेकर आज मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई। राज्य भवन में आयोजित इस बैठक में कर्नाटक सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।

बैठक के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सर्वदलीय बैठक में राज्य को कावेरी का पानी देने से इनकार करने के लिए कर्नाटक सरकार की कड़ी निंदा की गई है। उन्होंने कहा कि कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) से आग्रह किया गया है कि वे कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) को आदेश दें कि वह कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत तमिलनाडु को कावेरी का पानी देना सुनिश्चित करें।

पानी से इंकार करना तमिलनाडु के किसानों के साथ विश्वासघात : एमके स्टालिन

इससे पहले मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने बयान में कहा था कि कर्नाटक सरकार का कावेरी जल नियामक समिति के निर्देश के मुताबिक पानी छोड़ने से इंकार करना तमिलनाडु के किसानों के साथ विश्वासघात है। राज्य के किसानों के साथ अन्याय काे तमिलनाडु नहीं सहेगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के चार बांधों में 75.586 टीएमसी फुट पानी है। जबकि तमिलनाडु के मेट्टूर जलाशय में 13.808 टीएमसी फुट पानी है।समझौते के अनुसार कर्नाटक को कावेरी का पानी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कर्नाटक सरकार ने राज्य को पानी नहीं दिया तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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आखरी अपडेट: 7th Sep 2024