भारत के जनजातीय समुदायों के जीवन में व्यापक सुधार लाने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के लिए 79,156 करोड़ रुपये जिसमें (केन्द्रीय हिस्सा : 56,333 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा : 22,823 करोड़ रुपये) बजट निर्धारित किया गया है। इस योजना मुख्य उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 63,000 गांवों में पांच करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों के जीवन में सुधार लाना है।
यह योजना जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों पर केंद्रित होगा। इस पहल को 17 मंत्रालयों के माध्यम से समन्वित ढंग से लागू किया जाएगा, ताकि इन समुदायों के जीवन में व्यापक सुधार हो सके। यह योजना चार मुख्य लक्ष्यों पर केंद्रित है जिसमें बुनियादी ढांचे का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना, शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच और स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं।
इस योजना के तहत जनजातीय परिवारों को पक्का मकान, स्वच्छ पानी, बिजली, कौशल विकास कार्यक्रम और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसे जनजातीय और गैर-जनजातीय आबादी के बीच बुनियादी सुविधाओं और अवसरों के अंतर को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस योजना के तहत जनजातीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1000 होमस्टे का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत नए निर्माण के लिए 5 लाख और पुराने घर की मरम्मत के लिए 3 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। वनाधिकार धारकों और कृषि गतिविधियों के लिए आय बढ़ाने की पहल भी करेगा। जनजातीय उद्यमियों को अपने उत्पादों का विपणन करने के अधिक अवसर मिलेंगे, इसके तहत देश भर में 100 जनजातीय बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
जीईआर को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाने के लिए 1000 आदिवासी छात्रावासों की स्थापना
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार जनजातीय आवासीय विद्यालयों में सुधार के लिए निवेश करेगी। स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना साथ ही जिला/ब्लॉक स्तरों पर करीब स्कूलों में करीब 1000 आदिवासी छात्रावासों की स्थापना कर एसटी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुलभ बनाएगी।
इस मिशन में जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल की समस्याओं जिसमें सिकल सेल बीमारी के निदान और उपचार के लिए विशेष केंद्रों की स्थापना की योजना है, जो जनजातीय आबादी को अधिक प्रभावित करती है। इसके साथ ही मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए 1000 मोबाइल मेडिकल यूनिट को भी लाॅन्च किया जाएगा।