दुबई में चल रहे यूएन जलवायु सम्मेलन – COP28 के पैरोकारों ने सोमवार को कहा कि महिलाओं पर क्लाइमेट चेंज के असंगत प्रभावों का मुक़ाबला करने के लिए, सभी मुल्कों को न केवल ऐसी अधिक नीतियाँ बनानी चाहिए जो उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती हों, बल्कि महिलाओं के अद्वितीय ज्ञान और विशेषज्ञता को भी पहचानना चाहिए जिसका उपयोग प्रभावी क्लाइमेट एक्शन का समर्थन करने के लिए किया जा सकता है। COP28 के अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अल जाबेर ने सम्मेलन के पहले पांच दिनों में वित्त, घोषणाओं और हानि और क्षति पर प्रगति पर प्रकाश डालते हुए प्रमुख उपलब्धियों की घोषणा की।
क्लाइमेट फाइनेंस बना COP28 का केंद्रीय मुद्दा
COP 28 के फाइनेंस डे पर कम से कम 40 अलग-अलग वित्तीय प्रतिबद्धताएं की गईं, COP28 में आठ परिवर्तनकारी घोषणाएं हुई हैं। इनमें खाद्य प्रणाली परिवर्तन, स्वास्थ्य, नवीकरणीय ऊर्जा, दक्षता और भारी उत्सर्जन वाले उद्योगों को डीकार्बोनाइज करने की पहल पर अभूतपूर्व घोषणाएं शामिल हैं। घोषणाओं को व्यापक समर्थन मिला है, देशों और संगठनों ने परिवर्तनकारी कार्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का समर्थन किया है। उल्लेखनीय घोषणाओं में 119 देशों द्वारा समर्थित वैश्विक नवीकरणीय और ऊर्जा दक्षता प्रतिज्ञा और कृषि, खाद्य और कृषि पर COP28 संयुक्त अरब अमीरात घोषणा शामिल है। जलवायु को 137 देशों ने समर्थन दिया। आने वाले दिनों में हाइड्रोजन, कूलिंग और लिंग पर अतिरिक्त घोषणाएं अपेक्षित हैं, जो COP28 की समावेशी प्रकृति पर और जोर देंगी।
$57 बिलियन से अधिक की प्रतिज्ञाएँ और प्रतिबद्धताएँ सुरक्षित की गईं, वित्तीय प्रतिज्ञाओं और योगदानों का विवरण :
⦁ नए यूएई कैटेलिटिक फंड से $30 बिलियन
⦁ हानि और क्षति के लिए $725 मिलियन
⦁ विश्व बैंक से सालाना 9 अरब डॉलर
⦁ हरित जलवायु कोष के लिए $3 बिलियन
⦁ स्वास्थ्य के लिए $2.7 बिलियन
⦁ प्रकृति के लिए $2.6 बिलियन
⦁ नवीकरणीय ऊर्जा के लिए $2.5 बिलियन
⦁ मीथेन कटौती के लिए $1.2 बिलियन
इसके अतिरिक्त सीओपी प्रेसीडेंसी ने बातचीत के पाठ में सभी जीवाश्म ईंधन (Fossil fuel) पर सक्रिय रूप से भाषा का आह्वान करके एक अग्रणी कदम उठाया, जो सीओपी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पहला कदम है। इसका व्यापक उद्देश्य 1.5-डिग्री सेल्सियस लक्ष्य को बनाए रखना है, जिसके लिए 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन और 2030 तक 43% की कटौती की आवश्यकता है।
महिलाएं जलवायु समाधानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं
वही दूसरी ओर इस वर्ष के संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन ने अपने दूसरे सप्ताह का आरम्भ, महिला नेत्रियों और कार्यकर्ताओं के विविध वर्गों की बात सुनने के साथ किया, और मौजूदा लैंगिक अन्तर को समाप्त करने और महिलाओं व लड़कियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए अपनी आवाज़ बुलन्द की। इन सब अलावा यह भी चिंता का विषय है, संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) ने सोमवार को जो रिपोर्ट जारी की है वो बताती है कि 2050 तक, जलवायु परिवर्तन 15.8 करोड़ और महिलाओं और लड़कियों को, निर्धनता में धकेल सकता है, और 23.6 करोड़ अतिरिक्त लोगों को खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
यहां महत्वपूर्ण है कि महिलाएं जलवायु समाधानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, और निभाती हैं, जैसा कि COP28 में 'लैंगिक समानता दिवस' पर उजागर किया गया था, जहाँ महिला परिवर्तनकारियों ने दिखाया कि वे कार्रवाई को किस तरह आगे बढ़ा रही हैं।
‘क्रिएटर हब’ में एक पैनल चर्चा हुई
‘क्रिएटर हब’ में संयुक्त राष्ट्र साझेदारी कार्यालय द्वारा 'सभी के लिए महिलाओं का उदय' मंच पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें पेरिस समझौते के अनुरूप स्थाई समाधानों को आगे बढ़ाने में, महिलाओं के नेतृत्व को रेखांकित किया गया। चर्चा में शिरकत करने वाली महिला प्रतिभागियों ने बताया कि वे COP28 में जलवायु वार्ता में प्रगति पर बारीक़ी से नज़र रखेंगी, विशेष रूप से ऊर्जा परिवर्तन के लिए वित्त पोषण, ईंधन को 'चरणबद्ध तरीक़े से बाहर करने' और स्वच्छ ऊर्जा को 'चरणबद्ध करने' के मुद्दे पर।
जारी है COP28 वार्ता
वही तीन दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन COP28 में भारत मंडप में आयोजित एक कार्यक्रम में हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की संवेदनशीलता के प्रभाव और पहलुओं तथा पर्वतीय समुदायों को हरा-भरा और लचीला बनाकर भारतीय हिमालयी क्षेत्र में जलवायु के अनुकूल विकास के तरीकों पर चर्चा की गई। चर्चा में प्रतिभागियों ने जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते प्रभावों को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता रेखांकित की हैं । COP28 के शिष्टमंडलों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम अर्जित करने के लिए अनुकूलन और शमन प्रयासों पर भी चर्चा की। बहराल COP28 वार्ता जारी है।