भारत में पर्यटन क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और क्रूज पर्यटन में सालाना आधार पर 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने बुनियादी ढांचे के उन्नयन, बंदरगाह शुल्क को युक्तिसंगत बनाने, निष्कासन शुल्क को हटाने, क्रूज जहाजों को प्राथमिकता देने, ई-वीजा सुविधा प्रदान करने आदि कई पहल की हैं। केंद्र सरकार ने विरासत पर्यटन, आयुर्वेद पर्यटन, तटीय पर्यटन, रिवर क्रूज पर्यटन आदि पर फोकस के साथ मैरीटाइम विजन डॉक्यूमेंट 2030 तैयार किया है। दरअसल, सरकार लक्ष्य क्रूज यात्री यातायात को मौजूदा 4 लाख से बढ़ाकर 40 लाख करना है। भारतीय क्रूज बाजार में अगले दशक में 10 गुना वृद्धि की क्षमता है जिसे बढ़ती मांग और खर्च करने योग्य आय से बल मिल रहा है।
भारत एक शानदार क्रूज गंतव्य
भारत अपनी विशाल और सुंदर तटरेखा, वर्जिन फॉरेस्ट और अछूते रमणीय द्वीपों, समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ, क्रूज पर्यटकों के लिए एक शानदार पर्यटन स्थल हो सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर गति से विकसित हो रही है, मध्यम वर्ग की संख्या में वृद्धि हो रही है और लोगों के पास इतनी आय है कि वे अपने अवकाश के कामों पर खर्च कर सकते हैं, ऐसे में लोग भी बड़े पैमाने पर क्रूज शिपिंग का लाभ उठा सकते हैं।
अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022
आपको बता दें, 14 मई 2022 को मुंबई में पहले अतुल्य भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया गया। सरकार ने क्रूज पर्यटन के विकास के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया। इस दौरान देश में क्रूज पर्यटन के विकास के लिए एक उपयुक्त परिवेश तैयार करने में टास्क फोर्स की मदद के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय सलाहकार समिति स्थापित करने की भी घोषणा की गई।
भारत दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से शुमार होगा
इस अवसर पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत एक शानदार क्रूज गंतव्य है। उन्होंने कहा कि 7,500 किलोमीटर लंबा समुद्र तट और विशाल नदी प्रणालियों के साथ भारत के कई आकर्षण अभी भी दुनिया के सामने नहीं आए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक खिलाड़ियों ने भारत में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने में गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि सही बुनियादी ढांचे के विकास और आधुनिक तकनीक की तैनाती के साथ भारत निश्चित तौर पर दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से शुमार होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘भारत सरकार इस क्षमता को महसूस कर रही है और भारत को समुद्री एवं नदी क्रूज दोनों के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ एक वैश्विक क्रूज हब के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
क्रूज भारत मिशन
वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने पिछले वर्ष सितंबर 2024 में मुंबई बंदरगाह से ‘क्रूज भारत मिशन’ की शुरुआत की। इस मौके पर सर्बानंद सोनोवाल ने कहा था कि देश में क्रूज पर्यटन की अपार संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य पांच वर्षों के भीतर यानी 2029 तक क्रूज यात्रियों की संख्या को दोगुना करके देश के क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है।
क्रूज इंडिया मिशन 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2029 तक चलेगा
आपको बता दें, क्रूज इंडिया मिशन 1 अक्टूबर, 2024 से शुरू होकर 31 मार्च, 2029 तक चलेगा। पहले चरण (01.10.2024 – 30.09.2025) के तहत पड़ोसी देशों के साथ अध्ययन, मास्टर प्लानिंग और क्रूज गठबंधन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके तहत क्रूज सर्किट की क्षमता को बढ़ाने के लिए मौजूदा क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों का आधुनिकीकरण भी होगा। दूसरे चरण में (01.10.2025 – 31.03.2027) के तहत उच्च क्षमता वाले क्रूज स्थानों और सर्किटों को सक्रिय करने के लिए नए क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। वहीं, तीसरे चरण (01.04.2027 – 31.03.2029) के तहत भारतीय उपमहाद्वीप में सभी क्रूज सर्किटों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो क्रूज संबंधी इकोसिस्टम की परिपक्वता को चिह्नित करेगा, जबकि क्रूज टर्मिनलों, मरीना और गंतव्यों का विकास जारी रहेगा।
इन चरणों में प्रमुख प्रदर्शन लक्ष्यों में चरण 1 में समुद्री क्रूज यात्रियों की संख्या को 0.5 मिलियन से बढ़ाकर चरण 3 तक 1 मिलियन करना शामिल है, साथ ही समुद्री क्रूज की संख्या में 125 से 500 तक की वृद्धि होगी। नदी क्रूज यात्रियों की संख्या चरण 1 में 0.5 मिलियन से बढ़कर चरण 3 तक 1.5 मिलियन हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनलों की संख्या चरण 1 में 2 से बढ़कर चरण 3 तक 10 हो जाएगी, जबकि नदी क्रूज टर्मिनल 50 से बढ़कर 100 हो जाएंगे। इसी तरह, मरीना 1 से बढ़कर 5 हो जाएंगे, और अंतिम चरण तक रोजगार सृजन 0.1 मिलियन से बढ़कर 0.4 मिलियन हो जाएगा।
मिशन का उद्देश्य भारत में नए सिरे से बनाए गए क्रूज सेक्टर में 4 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन करना है
इस मिशन का उद्देश्य भारत में नए सिरे से बनाए गए क्रूज सेक्टर में 4 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। मिशन को तीन चरणों में लागू किया जाएगा और इसमें तीन प्रमुख खंड – महासागर और हार्बर क्रूज, नदी और द्वीप क्रूज, द्वीप क्रूज शामिल होंगे। क्रूज भारत मिशन के परिणामस्वरूप भारत में 5,000 किलोमीटर से अधिक परिचालन जलमार्गों पर 1.5 मिलियन से अधिक नदी क्रूज यात्री होंगे।
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, जम्मू-कश्मीर से केरल तक पूरे भारत में अपनी पहुंच का विस्तार कर रहा है
वहीं दूसरी ओर अरुणाचल से गुजरात और जम्मू-कश्मीर से केरल तक पूरे भारत में अपनी पहुंच का विस्तार करते हुए, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, नए आईडब्ल्यूटी टर्मिनलों, फेयरवे, रात्रि परिचालन सहायक सामग्री और लॉक्स के साथ एनडब्ल्यू 1, एनडब्ल्यू 2, एनडब्ल्यू 3 और एनडब्ल्यू 16 को बेहतर बना रहा है।
उत्तर प्रदेश की 10 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया
आपको बता दें, उत्तर प्रदेश में करीब 30 नदियां हैं, जिनमें से 10 को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने 23 जनवरी, 2025 को वाराणसी में अपने मौजूदा उप-कार्यालय को पूर्ण क्षेत्रीय कार्यालय में उन्नत किया है। आईडब्ल्यूएआई का वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय न केवल गंगा नदी बल्कि उत्तर प्रदेश में इसकी विभिन्न सहायक नदियों और अन्य राष्ट्रीय जलमार्गों पर विकास कार्यों की देखरेख करेगा। इनमें बेतवा, चंबल, गोमती, टोंस, वरुणा और गंडक, घाघरा, कर्मनाशा और यमुना नदियों के कुछ हिस्से शामिल हैं।
प्रयागराज में अपने उप-कार्यालय के साथ वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय, उत्तर प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा, मझुआ से वाराणसी एमएमटी (मल्टी-मॉडल टर्मिनल) और आगे प्रयागराज तक 487 किलोमीटर के खंड में कार्यों की देखरेख करेगा।
इसके अतिरिक्त विश्व बैंक द्वारा समर्थित जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) का क्रियान्वयन इसकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होगा। जेएमवीपी का उद्देश्य वाराणसी में पहले से निर्मित एमएमटी के अलावा विभिन्न नदी संरक्षण कार्यों जैसे कि बांध निर्माण और रखरखाव ड्रेजिंग के माध्यम से गंगा नदी, यानी एनडब्ल्यू-1 की क्षमता में वृद्धि करना है ताकि क्रूज पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके और जलमार्ग के साथ सुचारू माल ढुलाई हो सके।
वहीं, गंगा नदी के साथ आसान नौवहन की सुविधा के लिए जेएमवीपी के तहत तीन मल्टी-मॉडल टर्मिनल – वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में एक-एक, साथ ही कालूघाट में एक इंटर-मॉडल टर्मिनल और पश्चिम बंगाल के फरक्का में एक नया नौवहन लॉक बनाया गया है।
इसके अलावा, स्थानीय यात्रियों, छोटे और सीमांत किसानों, कारीगरों और मछुआरा समुदायों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के चार राज्यों में एनडब्ल्यू-1 के साथ 60 सामुदायिक जेटी बनाए जा रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर “हरित नौका दिशा-निर्देशों” के तहत सतत विकास पर जोर देते हुए, प्राधिकरण ने वाराणसी और अयोध्या में इलेक्ट्रिक कटमरैन पेश किए हैं, जबकि मथुरा और गुवाहाटी के लिए छह अन्य निर्धारित किए गए हैं।
आईडब्ल्यूएआई भारत के जलमार्गों की क्षमता को सामने ला रहा है
गंगा और ब्रह्मपुत्र पर क्रूज टर्मिनल विकसित करके और नदी पर्यटन को बढ़ावा देकर, आईडब्ल्यूएआई भारत के जलमार्गों की क्षमता को सामने ला रहा है।
केंद्र सरकार पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी तटीय भारत में क्रूज सेवाओं के लिये मांग बढ़ाने के उद्देश्य से गुजरात तीर्थाटन, प्राकृतिक दर्शनीय यात्रा, आयुर्वेद वेलनेस टूर और विरासत पर्यटन पर काम कर रहे हैं।
अंडमान, पुडुचेरी और लक्षद्वीप मार्गों पर नये क्रूज पर्यटन टर्मिनल विकसित करने की योजना पर काम जारी है। इसके अतिरिक्त भारत, थाइलैंड और म्यांमार के बीच आवागमन के लिये नौका मार्ग विकसित करने की संभावनाओं का भी अध्ययन जारी है। क्रूज सेवा श्रीलंका के तीन बंदरगाहों, हंबनटोटा, त्रिनकोमाली और कनकेकंतूरी तक जायेगी।
एमवी एम्प्रेस से यात्रा करने का पैकेज दो रात, तीन रात, चार रात और पांच रात के लिये होगा। समुद्र में यात्रा के दौरान एमवी एम्प्रेस चेन्नई लौटने से पहले श्रीलंका के तीन बंदरगाहों तक जायेगा।
इसके अलावा दिल्ली में यमुना नदी पर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आईडब्ल्यूएआई और दिल्ली सरकार ने समझौता किया। सोनिया विहार और जगतपुर के बीच के जलमार्ग को क्रूज पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बिजली सौर हाइब्रिड नावों का परिचालन किया जाएगा।
एमवी गंगा विलास क्रूज
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी 2023, को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज–एमवी गंगा विलास को झंडी दिखाकर रवाना किया और टेंट सिटी का उद्घाटन किया। उन्होंने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया था। आपको बता दें, एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए सुसज्जित किया गया है।
विश्व विरासत स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों, और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की 51 दिनों की क्रूज यात्रा की योजना बनाई गई है। एमवी गंगा विलास क्रूज 62 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा है और आराम से 1.4 मीटर के ड्राफ्ट के साथ चलता है। इसमें तीन डेक हैं, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार, 2023 में क्रूज जहाजों की संख्या 208 से 2030 तक बढ़कर 500 और 2047 तक 1100 पहुंच जायेगी। इसके साथ ही क्रूज सेवाओं का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या 2030 में 9.5 लाख से बढ़कर 2047 में 45 लाख तक पहुंच जायेगी।