पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। इसी कड़ी में आगामी लोकसभा चुनाव के समय इस्तेमाल होने वाली सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाने का निर्णय लिया गया है। इस कदम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा कि गाड़ियां सही रूट पर जा रही हैं या नहीं, कहीं और तो नहीं पहुंचीं और किसी तरह की कोई छेड़छाड़ ना हो।
मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की कवायद तेज
जहां पहले चुनावों में मतदान संपन्न होने के बाद ईवीएम वीवीपैट जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं को डीसी-आरसी से मतदान केंद्रों तक ले जाते समय उनके साथ छेड़छाड़ की खबरें मिलती थीं। अब जीपीएस के जरिए अगर गाड़ियां कहीं दूसरी जगह जाती हैं या कुछ गलत होता है तो जरूरत पड़ने पर संबंधित कार के ड्राइवर को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा सकती है।
यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बीच सड़क पर कहीं वाहनों से ईवीएम लूटने की कोशिश भी हो तो त्वरित कार्रवाई की जा सके। इस नई तकनीक का उपयोग करने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि कोई भी राजनीतिक दल मतदान प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ निष्क्रियता की शिकायत न कर सके। पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी 19 अप्रैल को मतदान शुरू होगा और सातों चरणों में यहां वोटिंग होनी है।
पहले चरण में 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1625 उम्मीदवार चुनावी मैदान में
उल्लेखनीय है कि पहले चरण में 21 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 1625 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें 1491 पुरुष उम्मीदवार और 134 महिला उम्मीदवार हैं। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा। दूसरे चरण में 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 1206 उम्मीदवारों के साथ-साथ बाहरी मणिपुर पीसी से 4 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।