लोकसभा चुनाव के तहत जहां चुनाव प्रचार चरम पर है वहीं नेता इस बार सोशल मीडिया के माध्यम से भी वोटरों को लुभाने में लगे हैं। इसी कड़ी में कई बार कुछ ऐसा पोस्ट कर गए जिसे लेकर अब चुनाव आयोग भी अलर्ट हो गया है। चुनाव आयोग ने पार्टियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि वे ऐसी सामग्री प्रकाशित न करें जो झूठी, भ्रामक या अपमानजनक हो, खासकर महिलाओं के प्रति। अभियान सामग्री में बच्चों का उपयोग और हिंसा या जानवरों को नुकसान पहुंचाने का चित्रण भी निषिद्ध है।
सोशल मीडिया का हो नैतिक उपयोग
दरअसल, चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते समय राजनीतिक दलों, उनके प्रतिनिधियों द्वारा एमसीसी और मौजूदा कानूनी प्रावधानों के कुछ उल्लंघन को संज्ञान में लेते हुए, आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया के जिम्मेदार तरीके से और नैतिक उपयोग के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी हितधारकों को समान अवसर मिले।
अधिसूचना के तीन घंटे के भीतर हटानी होगी सामग्री
नोटिफिकेशन में चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अधिसूचना के तीन घंटे के भीतर किसी भी उल्लंघनकारी सामग्री को हटाना होगा और अपने रैंक के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा पार्टियों को किसी भी गैरकानूनी जानकारी और नकली उपयोगकर्ता खातों की रिपोर्ट संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करनी होगी।
डीप फेक और AI पर दिया निर्देश
आयोग ने चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, सूचनाओं को तोड़ने-मरोड़ने या गलत सूचना का प्रचार करने के लिए AI आधारित साधनों के दुरुपयोग के खिलाफ दलों को चेतावनी दी है। ईसीआई मौजूदा कानूनी प्रावधानों को राजनीतिक दलों के ध्यान में लाया है जो गलत सूचना के उपयोग और डीप फेक का उपयोग करके प्रतिरूपण (गलत पहचान) के खिलाफ नियामक ढांचे को नियंत्रित करते हैं। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और सूचना प्रौद्योगिकी (इंटरमीडियरी दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021, भारतीय दंड संहिता और दोहरे अधिनियमों अर्थात जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951 की रूपरेखा और आदर्श आचार संहिता के प्रावधान शामिल हैं।
मौजूदा कानूनी प्रावधानों के मद्देनजर, अन्य निर्देशों के अलावा, दलों को विशेष रूप से डीप फेक ऑडियो/ वीडियो को प्रकाशित और प्रसारित करने से परहेज करने, किसी भी गलत सूचना या ऐसी जानकारी का प्रसार करने, जो स्पष्ट रूप से गलत, असत्य या भ्रामक प्रकृति की है, उसे पोस्ट करने से परहेज करने। महिलाओं के प्रति अपमानजनक सामग्री, अभियानों में बच्चों का उपयोग करने से बचने, जानवरों पर हिंसा या उनको नुकसान पहुंचाने से बचने का निर्देश दिया गया है।