उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “जो लोग बड़ा सोचते हैं, उन्होंने भारत को दुनिया का मुख्य केंद्र बना दिया है। भारत जैसा कोई दूसरा देश नहीं है। यह मैं नहीं कह रहा हूं – प्रमुख वैश्विक संस्थाएं इस परिवर्तन को स्वीकार कर रही हैं। एक बड़ा परिवर्तन, जिसकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, सामने आ रहा है।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज (रविवार) घोघला, दीव में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) फ्लैट्स का उद्घाटन किया और लाभार्थियों को पीएमएवाई फ्लैट की चाबियां सौंपी। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व के गहन प्रभाव पर विचार करते हुए उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि “नाम में बहुत कुछ होता है, ‘नर’ और ‘इंद्र’, के मिलने से बने ‘नरेन्द्र’ नाम ने सब कुछ संभव कर दिया है।” आवास विकास में की गई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना करते हुए, धनखड़ ने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत इस क्षेत्र में 21,000 से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है और उनका निर्माण किया गया है।
उन्होंने देश में हो रहे उल्लेखनीय परिवर्तन पर जोर दिया और इस प्रगति का श्रेय नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा, “यहां की खासियत यह है कि जो भी मंजूर होता है, वह संभव हो जाता है। देश में सब कुछ क्यों संभव हो रहा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि जो व्यक्ति इसे संभव बना रहा है, वह देश का नेतृत्व कर रहा है।”
देश में मिलने वाले बड़े पुरस्कारों पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत रत्न पुरस्कारों सहित देश के कुछ सर्वोच्च नागरिक सम्मान के प्राप्तकर्ताओं के चयन के संबंध में पिछले दशक में गहन परिवर्तन देखे गए है उन्होंने कहा कि, “पिछले 10 वर्षों में एक बड़ा बदलाव आया है। अब, इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता वे लोग हैं जो वास्तव में इसके हकदार हैं। अब देश भर के लोग कहते हैं कि ये पुरस्कार सही व्यक्तियों को दिए जा रहे हैं”। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रगति भारत की “राम राज्य” की ओर यात्रा का प्रतीक है । उन्होंने कहा, “यह दर्शाता है कि देश बदल रहा है और राम राज्य की ओर बढ़ रहा है।
परिवर्तनकारी शासन पर जोर देते हुए, जगदीप धनखड़ ने देश भर में बुनियादी ढांचे और आवश्यक सेवाओं में अभूतपूर्व विकास की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा , “क्या आपने कभी सोचा था कि सरकार की मदद से इतनी जोरदार आवाज उठेगी कि हर घर में बिजली, गैस कनेक्शन और शौचालय की सुविधा होगी? और अब, प्रधानमंत्री ने सौर ऊर्जा प्रणाली की भी शुरुआत की है।”
इस बात पर जोर देते हुए कि शिक्षा आज सबसे बड़े बदलाव का केंद्र है, उपराष्ट्रपति ने सभी से अपने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “शिक्षा आज सबसे बड़े बदलाव का केंद्र है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि अपने बच्चों की शिक्षा पर बहुत ध्यान दें।”
जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में भारत की समग्र प्रगति पर जोर देते हुए, जगदीप धनखड़ ने नागरिकों से राष्ट्र की उन्नति में अपने योगदान पर निरंतर चिंतन करने का आग्रह किया और कहा, “हम रामराज्य की ओर बढ़ रहे हैं, और हम सब इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।” इस अवसर पर डीएनएचएंडडीडी और लक्षदीप के माननीय प्रशासक प्रफुल्ल पटेल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।