प्रतिक्रिया | Thursday, February 13, 2025

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आईपीएस जीपी सिंह ने संभाला सीआरपीएफ महानिदेशक का पदभार

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के नए महानिदेशक (डीजी) का पदभार संभाल लिया है। उन्होंने गुरुवार को विशेष महानिदेशक वितुल कुमार से यह जिम्मेदारी ली जो कार्यवाहक प्रमुख के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे। 1991 बैच के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी जीपी सिंह को 18 जनवरी 2025 को इस पद के लिए नियुक्त किया गया था। वह 30 नवंबर 2027 को सेवानिवृत्ति तक इस पद पर बने रहेंगे।

इससे पहले जीपी सिंह असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में कार्य कर चुके हैं जहां उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। उनके पास उग्रवाद विरोधी अभियानों, पुलिस सुधारों और सुरक्षा प्रबंधन का काफी अनुभव है जिससे वह भारत के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह सक्षम माने जाते हैं।

जीपी सिंह ने अपनी स्कूली और उच्च शिक्षा लखनऊ में पूरी की और बीएससी व एमएससी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण लिया और 1992 में असम में अपनी सेवा शुरू की। उस समय असम में उग्रवाद चरम पर था और उन्होंने वहां कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालीं।

उन्होंने असम के कई जिलों में पुलिस अधिकारी के रूप में काम किया और जोरहाट में बिना सेना की मदद के सफल उग्रवाद विरोधी अभियान चलाया। 2002 में, वह विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) में शामिल हुए और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली।

2013 से 2019 तक, वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) में महानिरीक्षक (आईजी) रहे जहां उन्होंने समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, मालेगांव ब्लास्ट, अजमेर शरीफ ब्लास्ट और मक्का मस्जिद ब्लास्ट जैसे आतंकवादी मामलों की जांच की। उन्होंने पुलवामा, उरी और पठानकोट में भारतीय सुरक्षा बलों पर हुए हमलों की जांच में भी अहम भूमिका निभाई और जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग नेटवर्क खत्म करने के लिए बड़े कदम उठाए।

2019 में, जब असम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे तब उन्हें राज्य में कानून व्यवस्था संभालने के लिए असम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद, उन्होंने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के निदेशक के रूप में काम किया और गैंडा संरक्षण कार्य बल का भी नेतृत्व किया। फरवरी 2023 में, उन्हें असम के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में नियुक्त किया गया जहां उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत किया।

अब सीआरपीएफ प्रमुख के रूप में जीपी सिंह पूरे देश में बल के संचालन की देखरेख करेंगे। इसमें आतंकवाद विरोधी अभियान, आंतरिक सुरक्षा और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखना शामिल है। उनका नेतृत्व ऐसे समय में आया है जब सीआरपीएफ देश की सुरक्षा और उग्रवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।-(ANI)

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आखरी अपडेट: 13th Feb 2025