प्रतिक्रिया | Thursday, September 19, 2024

19/12/23 | 1:28 pm

PM जनधन योजना: अब तक 51 करोड़ लोग लाभान्वित

बैंकिंग सेवाओं से वंचित नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की शुरुआत की गई थी। अब इस योजना से करीब 51 करोड़ लोग लाभान्वित हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इस योजना ने बैंकिंग सेवाओं से वंचित नागरिकों के सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाई है। इस योजना के कुल लाभार्थियों में से 55.5 फीसदी महिलाएं हैं।

न्यूनतम राशि रखने की बाध्यता नहीं 
मंत्रालय के मुताबिक 22 नवंबर तक जनधन खातों में कुल 2.10 लाख करोड़ रुपये जमा थे। हालांकि इस योजना के तहत खोले गए कुल 4.30 करोड़ बैंक खातों में शून्य राशि ही जमा थी। दरअसल इसकी वजह यह है कि जनधन खातों में कोई भी न्यूनतम राशि रखने की बाध्यता नहीं है।

 योजना का उद्देश्य और अब तक लाभ

–बैंकिंग सुविधाओं से वंचितों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना – न्यूनतम कागजी कार्रवाई के साथ 

–बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना, केवाईसी, ई-केवाईसी में ढील, शिविर मोड में खाता खोलना, शून्य बैलेंस और शून्य शुल्क

–असुरक्षित को सुरक्षित करना – नकदी की निकासी और कारोबारी स्थलों पर भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना जिसमें 2 लाख रुपये की मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज है

–वित्त से वंचितों को वित्त मुहैया कराना – अन्य वित्तीय उत्पाद जैसे कि सूक्ष्म-बीमा, उपभोग के लिए ओवरड्राफ्ट, सूक्ष्म-पेंशन और सूक्ष्म-ऋण

–‘पीएमजेडीवाई’ सही मायनों में जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है। चाहे वह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो, कोविड-19 संबंधी वित्तीय सहायता, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत बढ़ी हुई मजदूरी, जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर हो, इन सभी पहलों के तहत पहला कदम प्रत्येक वयस्क व्‍यक्ति‍ का एक बैंक खाता खोलना है, जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।

–मार्च 2014 से लेकर मार्च 2020 के बीच खोले गए प्रत्‍येक 2 खातों में से एक खाता दरअसल पीएमजेडीवाई खाता ही था। पूरे देश में लॉकडाउन लगाए जाने के 10 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ से अधिक महिला पीएमजेडीवाई खातों में से प्रत्येक महिला पीएमजेडीवाई खाते में डीबीटी के माध्यम से तीन महीने तक प्रति माह 500 रुपये की वित्तीय सहायता जमा की गई।  

–कोविड-19 महामारी के दौरान इसमें निर्बाध रूप से उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली जिसकी बदौलत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) ने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाया है और इसके साथ ही उन्‍हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है। एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि पीएमजेडीवाई खातों के माध्यम से डीबीटी ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक रुपया इच्छित लाभार्थी तक पहुंच जाए और इस तरह से धनराशि के प्रणालीगत रिसाव या लीकेज को रोकना संभव हो गया।

–पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग सुविधा से वंचित लोगों को बैंकिंग प्रणाली के दायरे में लाया है, भारत की वित्तीय संरचना का विस्तार किया है और लगभग हर वयस्क का वित्तीय समावेशन सुनिश्चित किया है।

बता दें कि सरकार ने पीएमजेडीवाई को 28 अगस्त, 2014 को वित्तीय समावेश के लक्ष्य के साथ शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य बैकिंग सुविधा से वंचित हरेक वयस्क को बैंक सुविधाओं और बुनियादी बैंक खातों तक पहुंच मुहैया कराना था।

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आखरी अपडेट: 19th Sep 2024