आरबीआई ने लोन से संबंधित सभी तरह की जानकारी के लिए एक “पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य ऋणदाताओं को आवश्यक डिजिटल जानकारी को आसान बनाना और सुरक्षित लोन की सुविधा प्रदान करना है। शुरुआत में यह प्लेटफॉर्म एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है।
शुरुआत में इन योजनाओं पर ऋण के लिए कर सकेंगे प्रयोग
प्लेटफॉर्म के जरिए शुरुआती दौर में प्रति ऋणधारक 1.6 लाख रुपये तक के किसान क्रेडिट कार्ड ऋण, एमएसएमई ऋण (संपार्श्विक के बिना) डेयरी ऋण, व्यक्तिगत ऋण और गृह ऋण जैसे उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह प्लेटफॉर्म आधार ई-केवाईसी, सैटेलाइट डेटा, पैन सत्यापन, आधार ई-साइनिंग और घर/संपत्ति खोज डेटा और कई अन्य सेवाओं को जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह प्लेटफॉर्म भाग लेने वाली राज्य सरकारों (मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र) से भूमि रिकॉर्ड प्राप्त करने जैसी सेवाएं भी प्रदान करेगा।
पायलट चरण में लागू
पायलट चरण में प्लेटफॉर्म कैसा प्रदर्शन करता है, इसके आधार पर इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के अच्छी तरह आगे बढ़ने पर अधिक उत्पादों, सूचना प्रदाताओं और ऋणदाताओं को प्लेटफॉर्म में शामिल किया जा सकता है। प्लेटफॉर्म का पायलट प्रोजेक्ट 17 अगस्त 2023 से शुरू कर दिया गया है।
कई तरह की समस्याएं होंगी खत्म
आरबीआई ने कहा कि पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म निर्बाध डिजिटल सूचना प्रवाह को बनाए रखते हुए ऋण की सुचारू डिलीवरी को संभव बनाने में मदद करेगा। डिजिटल रूप से ऋण वितरित करने के लिए, केंद्र और राज्य सरकारों, बैंकों और क्रेडिट सूचना कंपनियों जैसी अलग-अलग संस्थाएं क्रेडिट मूल्यांकन के लिए आवश्यक डेटा रखती हैं। लेकिन अलग-अलग संस्थाओं और प्रणालियों में मौजूद यह डेटा ऋण की त्वरित और कुशल डिलीवरी सुनिश्चित करने में समस्या पैदा करता है। लेकिन इस तरह की समस्याओं को अब प्लेटफॉर्म के जरिए कम किया जा सकता है।
गौरतलब हो कि भारत डिजिटलीकरण में तेजी से विकास के साथ डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की अवधारणा को पूरी तरह से अपना चुका है। जैसे, बैंकों, एनबीएफसी, फिनटेक कंपनियों और स्टार्टअप को भुगतान, क्रेडिट और अन्य वित्तीय सेवाओं में नए समाधान विकसित करने और पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।