भारत की खुदरा महंगाई दर फरवरी में 3.61% पर आ गई, जो पिछले 7 महीनों में सबसे कम है। जनवरी की तुलना में इसमें 0.65% की गिरावट दर्ज की गई है। यह जुलाई 2024 के बाद का सबसे निचला स्तर है। वहीं खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी भारी गिरावट आई जिससे खाद्य महंगाई दर मई 2023 के बाद सबसे कम स्तर पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अदरक (35.81%),जीरा (28.77%), टमाटर (28.51%), फूलगोभी (21.19%), और लहसुन की कीमतों में (20.32%) सबसे ज्यादा गिरावट आई है। इससे आम लोगों को राहत मिली है। इसके अलावा, फरवरी में ईंधन की कीमतों में भी गिरावट आई।
अब जब खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से नीचे आ गई है, तो केंद्रीय बैंक के पास ब्याज दरें घटाने का अधिक मौका होगा। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं। पिछले महीने RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नीतिगत ब्याज दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी, जिससे यह 6.5% से घटकर 6.25% हो गई। यह फैसला वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच विकास को गति देने के लिए लिया गया था।
मल्होत्रा ने यह भी कहा कि महंगाई दर आने वाले महीनों में और घट सकती है और धीरे-धीरे RBI के 4% लक्ष्य के करीब आ सकती है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने भी निष्पक्ष नीति (Neutral Stance) बनाए रखने का फैसला किया है, ताकि महंगाई पर नियंत्रण रखा जा सके और आर्थिक विकास को भी समर्थन दिया जा सके। इससे व्यवसायों को फायदा मिलेगा, उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा, और कर्ज सस्ता होगा, जिससे आम लोगों और उद्योगों को राहत मिलेगी।