‘उत्कर्ष ओडिशा-मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025’ की वैश्विक निवेश समिट की शुरुआत बेहद शानदार रही। पहले ही दिन ओडिशा सरकार ने ₹4.5 लाख करोड़ के निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किए। गौरतलब है कि मंगलवार को पीएम मोदी ने इस काॅन्क्लेव का उद्घाटन किया था। ओडिशा के उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वाईं ने बताया कि राज्य ने पहले ही ₹5 लाख करोड़ के निवेश लक्ष्य को पूरा कर लिया है और आने वाले दिनों में और भी निवेश समझौते की उम्मीद है। उन्होंने कहा “यह ओडिशा को और समृद्ध बनाएगा।”
इस बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ओडिशा में कई बड़े सेक्टरों में निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे में ₹73,000 करोड़, टेलीकॉम सेक्टर में ₹5,033 करोड़ और आईटी व संबंधित उद्योगों में ₹20,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओडिशा अब वैश्विक निवेशकों का पसंदीदा स्थान बन चुका है और देश-विदेश की कई कंपनियां यहां निवेश करने आ रही हैं।
इस समिट में टाटा स्टील ने भी अपनी बड़ी योजनाओं का ऐलान किया। कंपनी ओडिशा में अपने तीन प्रमुख स्टील प्लांट – नीलांचल इस्पात निगम, कलिंगनगर और भूषण स्टील का विस्तार करने जा रही है। टाटा स्टील के ग्लोबल सीईओ और एमडी टी.वी. नरेंद्रन ने बताया कि बीते 10 वर्षों में टाटा स्टील ने ओडिशा में ₹1 लाख करोड़ का निवेश किया है और आगे भी निवेश जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी का ओडिशा से गहरा रिश्ता है और आने वाले वर्षों में यह और मजबूत होगा।
इसके अलावा, अडानी ग्रुप ने अगले पांच वर्षों में ओडिशा में ₹2.3 लाख करोड़ निवेश करने की घोषणा की। यह निवेश पावर, सीमेंट, इंडस्ट्रियल पार्क, एल्युमिनियम और सिटी गैस जैसे सेक्टरों में किया जाएगा। अडानी पोर्ट्स और एसईजेड लिमिटेड के एमडी करन अडानी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी से मुलाकात की और निवेश समझौतों पर हस्ताक्षर किए। ‘उत्कर्ष ओडिशा’ समिट राज्य के लिए बहुत बड़ी सफलता साबित हो रही है। इन निवेशों से ओडिशा की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी हजारों नए रोजगार पैदा होंगे और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। इससे ओडिशा देश-विदेश के उद्योगों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है।