प्रतिक्रिया | Monday, December 02, 2024

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01/03/24 | 9:06 am

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अंतरराष्‍ट्रीय गीता महोत्‍सव आज से कोलंबो में होगा आयोजित, श्रीलंका के लोग होंगे गीता के उपदेशों से आत्मसात

श्रीलंका के बुद्ध शासन, धार्मिक और सांस्‍कृतिक कार्य मंत्री विदुर विक्रमनायके ने कहा है कि अंतरराष्‍ट्रीय गीता महोत्‍सव 1 मार्च से कोलंबो में आयोजित किया जाएगा। संचालन समिति की बैठक में मंत्री ने कहा कि इस महोत्‍सव का उद्देश्‍य श्रीमद्भागवद गीता की कालजयी शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाना है। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्‍सव हरियाणा के कुरुक्षेत्र आयोजित किया जाता है। इस वर्ष यानी 2024 में श्रीलंका की धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा ताकि श्रीलंका के लोग भी पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों से आत्मसात होंगे। यह समारोह गीता के संदेशों को दुनिया बाहर में फैलाने का एक महत्वपूर्ण मंच है।  

3  दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्‍सव हरियाणा के कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के वित्तीय सहयोग से नेलम पोकुना थिएटर परिसर में आयोजित किया जाएगा। आज से आरंभ होने वाला यह समारोह 3 मार्च तक चलेगा। महोत्‍सव में दुनिया भर से हजारों प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें गीता यज्ञ, गीता जप, शोभा यात्रा, समसामयिक रुचि के कई विषयों पर सम्‍मेलन और कई प्रतियोगिताएं होंगी। 4 मार्च को श्रीलंका की संसद में श्रीमद्भागवद गीता की एक प्रति पेश की जाएगी। इस समारोह के बारे में ज्यादा जानकारी इससे सम्बंधित  वेबसाइट (https://internationalgitamahotsav.in) से प्राप्त की जा सकती है। 

महोत्सव की पार्टनर कंट्री श्रीलंका के पर्यटन मंत्री  विदुरा विक्रमनायके ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 का आयोजन श्रीलंका में भी भव्य और हर्षोल्लास के साथ किया जाएगा। इस धरा पर हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश दिए जो आज भी पूर्णत: प्रासंगिक है। इन उपदेशों का अनुसरण करने के लिए श्रीलंका के नागरिकों को भी प्रेरित और जागरूक किया जाएगा। 

दरअसल श्रीलंका के पर्यटन मंत्री विुदरा विक्रमनायके विगत वर्ष दिसंबर माह में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से ब्रहमसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित महाआरती व महापूजन कार्यक्रम में अपने मन के भाव व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन उपदेशों का अनुसरण करके ही कोई भी देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकता है। इस ग्रंथ के उपदेशों से मन शुद्ध होता है और जब मन शुद्ध होगा तो धर्म जाति को भूलकर मानवता के सूत्र में बंध जाएगा। जब पूरी मानवता एक सूत्र में बंध जाएगी तो निश्चित ही विश्व में शांति स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि इस पावन धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को देखकर निर्णय लिया गया है कि आगामी वर्ष यानी वर्ष 2024 में श्रीलंका की धरा पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा ताकि श्रीलंका के लोग भी पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों से आत्मसात होंगे।

 

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आखरी अपडेट: 2nd Dec 2024