भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए पर्यटन मंत्रालय 21 से 23 नवंबर तक शिलांग, मेघालय में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का आयोजन करेगा। इस आयोजन से पूर्वोत्तर हितधारकों को देश और विदेशी बाजारों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच मिलेगा। इसका उद्घाटन पर्यटन मंत्री जी.किशन रेड्डी करेंगे और पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन मंत्री इसमें शामिल होंगे। तीन दिन के इस कार्यक्रम के जरिए पूर्वोत्तर के हितधारकों को देश और विदेश से हितधारकों से संवाद का अवसर मिलेगा। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट एक वार्षिक आयोजन है। इसका आयोजन मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी एक राज्य में बारी-बारी से किया जाता है।
अनोखा होगा इवेंट
पर्यटन मंत्रालय ने बताया कि इंटरनेशनल मार्ट भी एक अनूठा आयोजन होने जा रहा है, क्योंकि इसे मिशन LiFE के कार्यान्वयन के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए कार्य बिंदुओं की तर्ज पर कम कार्बन विकल्पों को अपनाकर एक हरित कार्यक्रम के रूप में योजनाबद्ध किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का उद्देश्य उत्तर पूर्वी हितधारकों को देश और विदेशी बाजारों दोनों से अपने समकक्षों के साथ बातचीत करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करना है। साथ ही उत्तर पूर्व क्षेत्र (NER) की पर्यटन क्षमता के बारे में जागरूकता पैदा करना और इसके अद्वितीय पर्यटन उत्पादों, समृद्ध जैव विविधता, स्थानीय परंपराओं, नृत्य रूपों, कला, हस्तशिल्प और हथकरघा सहित अद्वितीय अमूर्त विरासत को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के सामने उजागर करना है।
शिलांग कर रहा है दूसरी बार मेजबानी
इस मार्ट के पहले संस्करण गुवाहाटी, तवांग, शिलांग, गंगटोक, अगरतला, इंफाल, कोहिमा और आइज़वाल में आयोजित किए जा चुके हैं। शिलांग अपनी स्थापना के बाद से दूसरी बार इस कार्यक्रम की मेजबानी करने जा रहा है। इस आयोजन में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय सहित लगभग 100 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
कनेक्टिविटी ने पर्यटन आकर्षण को बढ़ाया
इस समय पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन स्थलों तक पहुंच प्रदान करने वाले 16 से अधिक हवाई अड्डे हैं। पर्यटन मंत्रालय ने रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस)-उड़ान योजना के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ सहयोग किया है। इस सहयोग के हिस्से के रूप में, 53 पर्यटन मार्ग चालू हो गए हैं, जिनमें से 10 मार्ग विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में चलने वाली 3 विस्टाडोम (ग्लास सीलिंग ट्रेन) रेलगाड़ियों ने न केवल कनेक्टिविटी बल्कि इसके पर्यटन आकर्षण को बढ़ाने में भी बहुत योगदान दिया है।
पर्यटन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा
बता दें कि नार्थ ईस्ट क्षेत्र में पर्यटन बुनियादी ढांचे का विकास और पर्यटन संवर्धन गतिविधियाँ पर्यटन मंत्रालय की प्राथमिकताओं में से एक रही हैं। स्वदेश दर्शन योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में कुल 1309.00 करोड़ रुपये की सोलह परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। पर्यटन और गंतव्य-केंद्रित विज़न के साथ टिकाऊ और जिम्मेदार स्थलों को विकसित करने के उद्देश्य से संशोधित स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत उत्तर पूर्व में कुल 15 पर्यटन स्थलों को विकास के लिए लिया जा रहा है। प्रसाद योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय ने उत्तर पूर्व राज्यों में चिन्हित तीर्थ स्थलों के एकीकृत विकास के लिए 256.45 करोड़ रुपये की कुल 8 परियोजनाओं को मंजूरी दी है।