भारत के सूक्ष्म-व्यापार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म पर अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों का पंजीकरण 1.50 करोड़ से अधिक हो गया है। प्राथमिकता क्षेत्र ऋण का लाभ उठाने के लिए अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों को 11 जनवरी, 2023 को औपचारिक उद्यमों के दायरे में लाने के लिए उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म (यूएपी) को लाॅन्च किया गया था।
इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य उद्यम असिस्ट सर्टिफिकेट जारी करके अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों (आईएमई) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाना है। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के नेतृत्व में यह प्लेटफाॅर्म औपचारिक मान्यता चाहने वाले आईएमई के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प लेकर सामने आया है।
वस्तु एवं सेवा कर पहचान संख्या के बिना भी पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं उद्यमी
इस प्लेटफाॅर्म के जरिये वस्तु एवं सेवा कर पहचान संख्या (जीएसटीएन) के बिना आईएमई उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कर सकते हैं, जिससे औपचारिक मान्यता और संबंधित लाभों तक पहुंच आसानी हो पायेगी। पिछले 14 महीनों में, इस प्लेटफार्म पर पंजीकरणों की संख्या काफी में वृद्धि दर्ज की गई है, जो औपचारिकता के महत्व के बारे में सूक्ष्म उद्यमियों के बीच बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
भारत सरकार ने सूक्ष्म-व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में यूएपी के महत्व को पहचानते हुए 20 मार्च, 2023 को अधिसूचना जारी की गई। इस अधिसूचना के तहत यूएपी पोर्टल पर अनौपचारिक सूक्ष्म उद्यमों के पंजीकृत प्रमाणपत्र, इन उद्यमों के लिए प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (पीएसएल) लाभ प्राप्त करने सहायता करता है। इसके बाद, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 9 मई, 2023 पीएसएल वर्गीकरण के प्रयोजनों के लिए उद्यम सहायता प्रमाणपत्र रखने वाले आईएमई को एमएसएमई श्रेणी के तहत सूक्ष्म उद्यमों के रूप में वर्गीकृत कर दिया।
भारत के सूक्ष्म-व्यापार की क्षमता में विस्तार
उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म न केवल पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाता है बल्कि अनौपचारिक क्षेत्र के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण औपचारिक क्रेडिट और अन्य समर्थन प्रदान करता है। जैसे-जैसे यह प्लेटफाॅर्म विकसित हो रहा है, यह भारत के सूक्ष्म-व्यापार क्षेत्र की क्षमता को विकसित करने,आर्थिक विकास को गति देने और जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।