इस वर्ष कार्बी यूथ फेस्टिवल (केवाईएफ) में कार्बी समुदाय के पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने के साथ अपना स्वर्ण जयंती मना रहा है। भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में 12 जनवरी से चल रहे कार्बी यूथ फेस्टिवल के त्योहार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कल यानी 17 जनवरी को शामिल होंगी। 672 एकड़ में फैले इस विशाल सांस्कृतिक परिसर तारालांगसो में इस आठ दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जोकि गुवाहाटी से लगभग 250 किमी पूर्व में मध्य असम के कार्बी आंगलोंग जिले में स्थित है।
यह त्योहार कार्बी लोगों के अद्वितीय पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और संरक्षित करने का एक व्यापक मंच बन गया है। कार्बी समुदाय इस महोत्सव के दौरान कई पारंपरिक खेलों का आयोजन करता है जिनमें थेंग एंगटोंग पेन केकट (बांस की टोकरी के साथ दौड़), सेकसरेक (छड़ी खेल), केरोन (गणना खेल), संसुरी काचीवुंग (रस्साकशी), केंगडोंगडांग (बांस की खंभों पर दौड़), माननीय केजेंग (कताई) जैसे खेल शामिल हैं।
इस साल कार्बी यूथ फेस्टिवल के पचास वर्ष हुए पूरे
50 वें कार्बी यूथ फेस्टिवल के दौरान कार्बी कल्चरल सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रा सिंग क्रो ने इन पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, जिनमें से कई खेल अपने विलुप्ति के कगार हैं। क्रो ने कहा ये खेल आमतौर पर केवल कार्बी यूथ फेस्टिवल जैसे आधुनिक सामुदायिक उत्सवों में ही खेले जाते हैं। बता दें कि कार्बी कल्चरल सोसाइटी 1977 से केवाईएफ का आयोजन कर रही है, जिसकी शुरुआत 1974 में कार्बी भाषा के लिए रोमन लिपि के उपयोग की वकालत करने वाले एक आंदोलन के रूप में हुई थी।
हम्बी केपाथु जिसे कार्बी समुदाय का एक प्रमुख खेल माना जाता है। एंटाडा रिडी के गोलाकार सूखे गहरे भूरे बीजों के साथ खेला जाता है, जिसे आमतौर पर अफ्रीकी जड़ी- बूटी के रूप में जाना जाता है। खेल में दो टीमें शामिल होती हैं। प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होते हैं,जो आयताकार कोर्ट पर प्रतिस्पर्धा करते हैं। खिलाड़ियों का लक्ष्य सीमा रेखा के मध्य बिंदु पर लंबवत रखे गए प्रतिद्वंद्वी के हम्बी (क्रीपर सीड) को मारना होता है।
कार्बी समुदाय की संस्कृति और पारंपरिक खेलों की समृद्धि करता ये त्योहार
कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के जनजातीय संस्कृति अनुसंधान अधिकारी दिलीप कथार ने बताया, “25 चरणों वाला यह खेल पहले पूरे दिन खेला जाता था परन्तु समय की कमी के चलते पिछले कुछ वर्षों में इस खेल के छोटे संस्करण विकसित हुए हैं। हम्बी केपथु पारंपरिक रूप से एक पुरुष-प्रधान खेल रहा है, इसका नाम एक कार्बी लड़की हाम तुंगजंग से लिया गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि उसने अपने भाई बी तुंगजंग के साथ मिलकर इस खेल का आविष्कार किया था।
इस महोत्सव में सेक्सेरेक और होन केजेंग जैसे महिलाओं के लिए भी खेल शामिल हैं, जबकि संसुरी काचीवुंग और केरोन जैसे अन्य खेल स्त्री और पुरुष दोनों के लिए अनुकूल हैं। कार्बी यूथ फेस्टिवल एक सांस्कृतिक मंच के रूप में कार्य करता है, जो न केवल कार्बी समुदाय की विरासत को संरक्षित करने बल्कि पारंपरिक खेलों की समृद्धि की का भी ध्यान रखता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति से इस उत्सव को और बढ़ावा मिलेगा जो कार्बी युवा महोत्सव के सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती है।