देश में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) में अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तुलना में महिला कर्मियों का अनुपात 9 प्रतिशत है, जो सबसे अधिक है। आरपीएफ की महिला कर्मियों ने वर्ष 2023 में 206 गर्भवती महिला यात्रियों के प्रसव में सहायता की। वर्ष 2023 में आरपीएफ की महिला कर्मियों की सतर्क और सक्रिय भूमिका ने 3973 बच्चियों को बचाने में मदद की। रेल मंत्रालय ने आज (8 मार्च) विश्व महिला दिवस पर एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।
आरपीएफ में महिला कर्मियों का अनुपात 9 प्रतिशत
बता दें कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भारत में रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसी है। इसे रेलवे संपत्ति की बेहतर सुरक्षा और संरक्षा के लिए वर्ष 1957 में स्थापित किया गया था। इस बल की यात्री सुरक्षा और सुविधा में भी महत्वपूर्ण भूमिका है। महिलाओं को प्रेम, देखभाल, शक्ति और शाश्वत रूप में मान्यता दी है। रेल मंत्रालय ने बताया कि आरपीएफ में अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तुलना में महिला कर्मियों का अनुपात 9 प्रतिशत है, जो सबसे अधिक है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संकटग्रस्त महिला यात्रियों को सहायता प्रदान करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित यह बल यात्रियों को सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करता है।
आरपीएफ ने महिलाओं के सशक्तिकरण को दिया बढ़ावा
महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और अपने कर्तव्यों का पालन करते समय महिला कर्मियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आरपीएफ ने अनेक उपाय किए हैं। जिसमें ट्रेन एस्कॉर्ट ड्यूटी के लिए तैनात महिला अधिकारियों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मानकीकृत बैरक, चेंजिंग रूम और अन्य सुविधाओं का निर्माण। महिला कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण के लिए सभी क्षेत्रों और इकाइयों में महिला नोडल अधिकारियों का नामांकन करना और यह भी सुनिश्चित करना कि उनकी बात सुनी जाए तथा जरूरतों को पूरा किया जाए।
RPF में महिलाएं एक सुरक्षित और अधिक समावेशी रेलवे माहौल बनाती हैं
वहीं दूसरी ओर आरपीएफ के विभिन्न ऑपरेशनों के तहत महिलाएं मेरी सहेली पहल, ऑपरेशन मातृशक्ति, ऑपरेशन एएएचटी (मानव तस्करी के खिलाफ), ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते और ऑपरेशन डिग्निटी और अन्य पहलों के माध्यम न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि यह सभी के लिए एक सुरक्षित, अधिक समावेशी रेलवे माहौल भी बनाती हैं।
आरपीएफ की महिला कर्मियों की सतर्क और सक्रिय भूमिका
मंत्रालय ने बताया कि आरपीएफ की महिला कर्मियों ने वर्ष 2023 में 206 गर्भवती महिला यात्रियों के प्रसव में सहायता की। इसके अलावा वर्ष 2023 में आरपीएफ की महिला कर्मियों की सतर्क और सक्रिय भूमिका ने 3973 बच्चियों को बचाने में मदद की। इसी वर्ष महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करते हुए 77839 लोगों को पकड़ा गया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन डिग्निटी के तहत आरपीएफ की महिला कर्मी देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाली महिलाओं सहित वयस्क लोगों को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐसे व्यक्तियों में भगोड़े, परित्यक्त, नशे के आदी, निराश्रित या चिकित्सा सहायता की आवश्यकता वाले शामिल होते हैं। इसी साल में लगभग 3,492 ऐसे व्यक्तियों को बचाया गया।
दरअसल आरपीएफ में महिलाएं सिर्फ सशक्तिकरण का प्रतीक भर नहीं हैं, बल्कि वे शक्ति, करुणा और समर्पण की प्रतीक भी हैं और पूरे देश में रेल यात्रियों की सुरक्षा एवं भलाई में सर्वोच्च योगदान दे रही हैं।