नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढ़िया को 16 वें वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। केंद्र सरकार ने आज रविवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर यह जानकारी दी। साथ ही ऋतिक रंजन पांडेय को वित्त आयोग का नया सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। चेयरमैन और कमीशन के दूसरे सदस्यों का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2025 या रिपोर्ट सौंपे जाने तक होगा। वित्त आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के तहत किया जाता है।
इसका कार्य केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना, सहायता अनुदान,उनके बीच टैक्स के बटवारे की सिफारिश करना तथा राज्यों के बीच टैक्स के वितरण की रूपरेखा तय करना है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोंदी ने पनगढ़िया को 2015 में नीति आयोग का पहला वाइस चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में योजना आयोग को हटाकर उसकी जगह नीति आयोग को लाया गया था।
वर्ल्ड बैंक,आईएमएफ, डब्ल्यू.टी.ओ जैसी संस्थाओं में काम कर चुके हैं अरविंद पनगढ़िया
30 सितंबर, 1952 को जन्मे अरविंद पनगढ़िया न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर हैं। इससे पहले वह एशियन डेवलपमेंट बैंक में टॉप इकनॉमिस्ट रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने वर्ल्ड बैंक, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन में भी काम कर चुके हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल में 16वें वित्त आयोग के संदर्भ शर्तों यानी टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दी थी। यह आयोग एक अप्रैल, 2026 से अगले पांच साल के लिए अपनी सिफारिशें देगा।
पिछला वित्त आयोग
पंद्रहवें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर 2017 को किया गया था। आयोग ने 2020-21 से 2025-26 तक छह साल की अवधि के लिए अपनी सिफारिशें दीं थीं। वित्त आयोग को अपनी सिफारिशें देने में आम तौर पर लगभग दो साल लगते हैं। संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के अनुसार, वित्त आयोग का गठन हर पांचवें वर्ष या उससे पहले किया जाता है।16वें वित्त आयोग के एडवांस सेल का गठन 21 नवंबर 2022 को वित्त मंत्रालय में किया गया था, ताकि आयोग के औपचारिक गठन तक प्रारंभिक कार्य की निगरानी की जा सके।