प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

30/11/23 | 2:04 pm

कॉप 28 में भाग लेने पीएम मोदी आज जाएंगे संयुक्त अरब अमीरात 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज (30 नवंबर) से दुबई, संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय यात्रा पर होंगे। शिखर सम्मेलन जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन, यूएनएफसीसीसी के 28वें पार्टियों के सम्मेलन, कॉप 28 का उच्च-स्तरीय खंड है। कॉप 28 संयुक्त अरब अमीरात की अध्यक्षता में 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। मीटिंग में दुनियाभर के कई वैश्विक नेता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि पीएम मोदी इस अहम शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे और कल दुबई में तीन उच्च स्तरीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे। पीएम मोदी यात्रा के दौरान  विश्‍व के अन्‍य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। वे जलवायु वित्‍त के एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम में भी भाग लेंगे।

जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर होगी चर्चा 
दुनिया भर के तमाम देश जल वायु परिवर्तन की चपेट में हैं। जिसे लेकर लगातार गंभीर विचार-विमर्श किया जाता है। अब एक बार फिर इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए मंथन किया जा रहा है। क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस में दुनियाभर के कई वैश्विक नेता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। यह सम्मेलन उत्सर्जन को कम करने और मौसम संबंधी घटनाओं से निपटने में विकासशील देशों का समर्थन करने पर केंद्रित होगा। सम्मेलन जलवायु को लेकर यूएन की कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज की 28वीं बैठक का हिस्सा है, इसलिए इसे कॉप 28 नाम दिया गया है। बता दें कि भारत और स्‍वीडन ने वर्ष 2019 में न्‍यूयॉर्क में जलवायु परिवर्तन शिखर सम्‍मेलन में इस कार्यक्रम की शुरूआत की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान पीएम मोदी भारत के महत्वाकांक्षी जलवायु एजेंडे और संबंधित मुद्दों पर अपनी बात रख सकते हैं।  

कॉप-26 में “पंचामृत” नामक पांच विशिष्ट लक्ष्यों की घोषणा 
यूएनएफसीसीसी (UNFCCC) के दलों का सम्मेलन जलवायु परिवर्तन की साझा चुनौती से निपटने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई को गति प्रदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। ग्लासगो में कॉप-26 के दौरान, पीएम मोदी  ने जलवायु कार्रवाई में भारत के अभूतपूर्व योगदान के रूप में “पंचामृत” नामक पांच विशिष्ट लक्ष्यों की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने उस अवसर पर पर्यावरण के लिए मिशन लाइफस्टाइल (LiFE) की भी घोषणा की थी। जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है। भारत की G20 अध्यक्षता का प्राथमिकता क्षेत्र, और भारत की अध्यक्षता के दौरान नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा और अन्य परिणामों में महत्वपूर्ण नए कदम उठाए गए हैं। कॉप 28 इन सफलताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा। 

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विभिन्न तरीकों पर मंथन
दरअसल सीओपी (COP) का मतलब पार्टियों का सम्मेलन (Conference of the Parties) है। ये मीटिंग्स हर साल होती है और अभी तक कुल 27 बैठकें हो चुकी हैं। अब 28वीं बैठक होगी। तो कॉप 28,  इस बार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में 28 नवंबर से 12 दिसंबर तक का आयोजित हो रहा है। 
कॉप 28 जलवायु प्रतिबद्धताओं पर कार्य करने और जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। इस समिट में 2015 पेरिस समझौते को लागू करने में वैश्विक प्रगति का पहला आकलन होगा। ज्ञात हो कि पेरिस समझौता एक महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय समझौता है जिसे जलवायु परिवर्तन और उसके नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिये वर्ष 2015 में दुनिया के लगभग प्रत्येक देश द्वारा अपनाया गया था। यह समझौता विकसित राष्ट्रों को उनके जलवायु से निपटने के प्रयासों में विकासशील राष्ट्रों की सहायता हेतु एक मार्ग प्रदान करता है। 

यह उम्मीद की जा रही है कि इस शिखर सम्‍मेलन में जलवायु वित्‍त के बारे में एक स्‍पष्‍ट कार्य योजना पर सहमति बनेगी।

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आखरी अपडेट: 26th Jul 2024