प्रतिक्रिया | Friday, July 26, 2024

04/01/24 | 8:45 am

कोहरे से ट्रेन यात्रा नहीं होगी प्रभावित, करीब 20 हजार फॉग डिवाइस से लैस हुई भारतीय रेलवे 

भारतीय रेलवे ने कोहरे के दौरान सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए 19,742 जीपीएस आधारित पोर्टेबल फॉग पास डिवाइस उपलब्ध कराए हैं। फॉग पास एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है, जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करता है।

इस संबंध में रेल मंत्रालय ने कहा कि यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट और स्थायी गति प्रतिबंधों जैसे चिन्हित स्थलों के स्थान के बारे में ऑन-बोर्ड वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करता है।

ट्रेन सेवाओं के लिए कैसे महत्वपूर्ण ?

मंत्रालय ने कहा कि हर साल, सर्दियों के महीनों में कोहरे के दौरान विशेष रूप से देश के उत्तरी हिस्सों में बड़ी संख्या में ट्रेनें प्रभावित होती हैं। सुचारू रेल परिचालन सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेल ने कोहरे के मौसम के दौरान 19,742 फॉग पास डिवाइस का बंदोबस्त किया है। यह पहल ट्रेन सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार, देरी को कम करने और समग्र यात्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कहां कितने डिवाइस कराए गए उपलब्ध ? 

जानकारी के अनुसार मध्य रेलवे में 560, पूर्वी रेलवे में 1103, पूर्व मध्य रेलवे में 1891, पूर्वी तटीय रेलवे में 375, उत्तर रेलवे में 4491, उत्तर मध्य रेलवे में 1289, पूर्वोत्तर रेलवे में 1762, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में 1101, उत्तर पश्चिम रेलवे में 992, दक्षिण मध्य रेलवे में 1120, दक्षिण पूर्व रेलवे में 2955, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 997, दक्षिण पश्चिम रेलवे में 60 और पश्चिम मध्य रेलवे में 1046 फॉग पास डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं।

कैसे काम करता है यह डिवाइस ?

उल्लेखनीय है कि फॉग पास डिवाइस लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त और मानव रहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के बारे में ऑन-बोर्ड वास्तविक समय की जानकारी (प्रदर्शन के साथ-साथ आवाज मार्गदर्शन) प्रदान करता है। इस प्रणाली से भौगोलिक क्रम में आने वाले अगले तीन निश्चित स्थलों में से लगभग 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेतक मिलते हैं।

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आखरी अपडेट: 26th Jul 2024