प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

08/12/23 | 4:42 pm

जमाखोरी रोकने और कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक सीमा घटाई

केंद्र सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए सख्त कदम उठाया है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से थोक, खुदरा, बड़े खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण फर्मों के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा घटा दी है।

उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को एक बयान में कहा कि तत्काल प्रभाव से व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा दो हजार टन से घटाकर एक हजार टन की गई है। प्रत्येक खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण की सीमा 10 टन से घटाकर पांच टन किया गया है। बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए पांच टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर एक हजार टन होगी।

गेहूं स्टॉक सीमा में संशोधन किया

मंत्रालय के मुताबिक गेहूं भंडारण करने वाली सभी फर्मों को गेहूं स्टॉक सीमा संबंधी पोर्टल (https://evegoils.nic.in/wsp/login) पर अपना पंजीकरण करना होगा। इसके साथ ही प्रत्येक शुक्रवार को अपने स्टॉक के बारे में जानकारी देनी होगी। पोर्टल पर पंजीकृत न कराई गई या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करने वाली फर्म के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 एवं 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर

बता दें कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। एफसीआई नेफेड, एनसीसीएफ (FCI NAFED, NCCF) और केंद्रीय भंडार जैसे केंद्रीय सहकारी संगठनों को आटा प्रसंस्करण और उनके फिजीकल और मोबाइल आउटलेट के माध्यम से 'भारत आटा' ब्रांड के तहत बिक्री के लिए 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की किफायती कीमत पर आटा प्रोसेसिंग के लिए गेहूं जारी कर रहा है। 

उन क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां कीमतें अधिक हैं और एजेंसियां इन क्षेत्रों में लक्षित बिक्री कर रही हैं। भारत आटे के लिए आपूर्ति की जाने वाली गेहूं की मात्रा को जनवरी 2024 के अंत तक 2.5 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 4 लाख मीट्रिक टन किया जा रहा है। पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नेफे और एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार को आवंटन की समय-समय पर समीक्षा भी की जा रही है।

12 जून को की थी अनाज कारोबारियों पर मार्च 2024 तक स्टॉक रखने की सीमा तय 

उल्लेखनीय है कि खाद्य मंत्रालय ने 12 जून को अनाज कारोबारियों पर मार्च 2024 तक स्टॉक रखने की सीमा तय की थी। इसके बाद 14 सितंबर को इस सीमा को घटाकर व्यापारियों एवं थोक विक्रेताओं और उनके सभी डिपो में बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए दो हजार टन कर दिया था। 

 

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आखरी अपडेट: 26th Jul 2024