लोकसभा ने सोमवार को डाकघर विधेयक, 2023 पारित कर दिया। राज्यसभा से इस विधेयक को पहले ही पारित किया जा चुका है। इसी के साथ विधेयक को अब संसद की मंजूरी मिल गई है। बता दें, यह विधेयक भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 का स्थान लेगा। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार सरकार, सुरक्षा सहित विशेष कारणों से डाक से भेजी गई किसी भी सामग्री को जांच के लिए रोक सकती है।
डाक विभाग कर रहा सराहनीय काम
संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान ने विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि डाक विभाग अंत्योदय की अवधारणा को पूरा करने की दिशा में सराहनीय काम कर रहा है। अब इसकी भूमिका बदल गई है और उसके अनुसार बदलाव भी आवश्यक हैं। डाक विभाग अब बैंकिंग और अन्य सेवायें प्रदान कर रहा है। विधेयक में बदलाव इस दिशा में सहायक होंगे।
पिछले साढ़े नौ वर्षों में आए महत्वपूर्ण बदलाव
उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों में डाक सेवाएँ, डाकघर और डाकिए केवल पत्राचार तक सीमित नहीं है बल्कि सेवा मुहैया कराने वाले संस्थान में बदल गए हैं। इन सालों में डाकघर एक तरह से बैंक बन गए हैं।
विधेयक को ध्वनिमत से किया गया पारित
विधेयक को पारित किए जाने के दौरान शोर-शराबा होता रहा। बीच में कार्यवाही स्थगित की गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
देश में डाकघरों को एक नेटवर्क में विकसित करने का विधायी ढांचा होगा तैयार
विधेयक के अनुसार नए अधिनियम देश में डाकघरों के कामकाज को नियंत्रित करने और नागरिक-केंद्रित सेवाओं के वितरण के लिए डाकघरों को एक नेटवर्क में विकसित करने की सुविधा के लिए एक सरल विधायी ढांचा प्रदान करने की दृष्टि से लाया गया है।
डाक सेवाओं के महानिदेशक को मिलेंगे ये अधिकार
विधेयक में डाक सेवाओं के महानिदेशक को आवश्यक गतिविधियों के संबंध में नियम बनाने और सेवाओं के लिए शुल्क तय करने का अधिकार होगा। कानून के तहत केंद्र अधिसूचनाओं के माध्यम से किसी भी अधिकारी को राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, आपातकालीन या सार्वजनिक सुरक्षा के हित में या किसी भी उल्लंघन की घटना पर किसी भी वस्तु को रोकने, खोलने या हिरासत में लेने का अधिकार दे सकता है।
डाक विभाग देश की रीढ़
उल्लेखनीय है कि 150 से अधिक वर्षों से, डाक विभाग देश की रीढ़ है। इसने संचार और देश में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह कई मायनों में भारतीय नागरिकों के जीवन को छूता है। जैसे मेल डिलीवर करना, लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करना, डाक जीवन बीमा (PLI) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (RPLI) के तहत जीवन बीमा कवर प्रदान करना और बिल जैसी रिटेल सेवाएं प्रदान करना संग्रह, प्रपत्रों की बिक्री, इत्यादि।
इसके अलावा डाक विभाग भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) वेतन वितरण और वृद्धावस्था पेंशन भुगतान जैसे नागरिकों के लिए अन्य सेवाओं के निर्वहन में भारत सरकार के लिए एक एजेंट के रूप में कार्य करता है। करीब 1,55,531 डाक घरों के साथ, डाक विभाग दुनिया में सबसे व्यापक रूप से वितरित डाक नेटवर्क है। 'डाकघर विधेयक-2023' को देश में डाक सेवा नेटवर्क में और अधिक विस्तार देने के लिए लाया गया है।
पासपोर्ट सेवाओं और आधार नामांकन सेवाओं को मिलेगी कानूनी रूपरेखा
यह पासपोर्ट सेवाओं और डाक विभाग द्वारा संचालित आधार नामांकन सेवाओं को एक कानूनी रूपरेखा प्रदान करेगा। इस समय डाकघर बचत बैंक में 26 करोड़ से अधिक खाते हैं, जिनमें 17 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। भारतीय डाक देश के लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है और पिछले नौ वर्षों में सरकार ने इस विभाग में काफी सुधार किए हैं।